क्या महिलाएं कर सकती हैं हनुमान जी की पूजा? जानें संकटमोचन की आराधना के सही नियम और सावधानियां

हिंदू धर्म में,भगवान हनुमान जी को'संकटमोचन'कहा जाता है - यानी वे हर संकट और हर बाधा को हरने वाले देवता हैं। वे शक्ति,साहस, भक्ति और ब्रह्मचर्य के सबसे बड़े प्रतीक माने जाते हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन देश भर के हनुमान मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहताहै,हर कोई अपनी मनोकामना लेकर बजरंगबली के दरबार में पहुंचता है। पुरुषों के साथ-साथ,महिलाएं भी बड़ी संख्या में हनुमान जी की आराधना करतीहै।लेकिन अक्सर महिलाओं के मन में हनुमान जी की पूजा को लेकर कई तरह के भ्रम और सवाल रहते हैं - "क्या महिलाएं हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं?", "क्या उन्हें मूर्ति को छूना चाहिए?", "क्या वे हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती हैं?"...और भी बहुत कुछ। इन भ्रमों का कारण हनुमान जी का'बाल ब्रह्मचारी'स्वरूप होना है।तो सच क्याਹੈ?आइए,आज शास्त्रों और धार्मिक विद्वानों के अनुसार जानते हैं कि महिलाओं के लिए हनुमान जी की पूजा करने के सही नियम क्याहै और उन्हें किन विशेष सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि उनकी पूजा सफल हो और उन्हें बजरंगबली की पूरी कृपा प्राप्त हो।सबसे बड़ा सवाल: क्या महिलाएं हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं?इस सवाल का सीधा और स्पष्ट जवाब है -हां,बिल्कुल कर सकती हैं!हिंदू धर्मग्रंथों में कहीं भी ऐसा उल्लेख नहींहै कि महिलाएं हनुमान जी की पूजा नहीं कर सकतीं। भक्ति और आस्था का अधिकार स्त्री और पुरुष,दोनों को समान रूप से प्राप्तहै।भगवान हनुमान स्वयं स्त्री रूपी मां, माता अंजनी के पुत्र हैं,और वे हर माता और बहन का पूरा सम्मान करतेहै।इसलिए,किसी भी महिला को यह सोचने की ज़रूरत नहींहैकि हनुमान जी की पूजा करना उनके लिए वर्जितहै।आप पूरे मन और श्रद्धा से उनकी पूजा कर सकतीहै। हालांकि,उनके ब्रह्मचारी स्वरूप का सम्मान करते हुए, शास्त्रों में महिलाओं के लिए कुछ विशेष नियम ज़रूर बताए गएहै।महिलाओं के लिए हनुमान जी की पूजा के5सबसे महत्वपूर्ण नियमहनुमान जी की कृपा पाने के लिए,महिला भक्तों को इन5नियमों और सावधानियों का विशेष रूप से पालन करना चाहिए:1.मूर्ति को स्पर्श न करें (Do Not Touch the Idol)यह सबसे ज़रूरी और सर्वमान्य नियमहै।क्योंਹੈयह नियम?:क्योंकि भगवान हनुमान बाल ब्रह्मचारी और एक तपस्वी हैं,इसलिए महिलाओं को उनकी मूर्ति या प्रतिमा को सीधे तौर पर स्पर्श करने की मनाही होतीहै।यह उनके ब्रह्मचर्य व्रत के प्रति हमारा सम्मान प्रकट करने का एक तरीकाहै।कैसे करें पूजा?:आप दूर से ही प्रतिमा को प्रणाम करें, फूल अर्पित करें,और दीपक जलाएं। मन में की गई सच्ची भक्ति भी उतनी ही स्वीकार्य होतीहैजितनी कि स्पर्श करके की गई पूजा।2.चरण स्पर्श न करें (Avoid Touching the Feet)जिस प्रकार मूर्ति को छूने की मनाही है, उसी प्रकार महिलाओं को हनुमान जी के चरण स्पर्श भी नहीं करने चाहिए। हनुमान जी हर स्त्री को अपनी माता के समान पूजनीय मानतेहै और वे नहीं चाहेंगे कि कोई मां उनके चरणों में झुके।3.वस्त्र और चोला न चढ़ाएं (Do Not Offer Clothes)हनुमान जी को सिंदूर का चोला और जनेऊ, लंगोट जैसे वस्त्र चढ़ाने की परंपरा है। यह कार्य केवल पुरुष भक्तों द्वारा ही किया जाना चाहिए। महिलाएं इन वस्तुओं को खरीदकर मंदिर के पुजारी को दे सकती है ताकि वे आपकी ओर से भगवान को अर्पित कर सकें।4.हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करेंपूजा करने और भक्ति प्रकट करने के और भी कई तरीके हैं।क्या कर सकती हैं?:महिलाएं बिना किसी संकोच केहनुमान चालीसा,बजरंग बाण,सुंदरकांडऔर हनुमान जी के अन्य किसी भी मंत्र या स्त्रोत का पाठ कर सकतीहै। यह पूजा का सर्वश्रेष्ठ और सबसे शक्तिशाली रूप माना जाता है। आप उनके सामने बैठकर घी का दीपक जलाकर इन पाठों को कर सकती हैं।5.मासिक धर्म (Periods)के दौरान पूजा से बचेंहिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान किसी भी देवी-देवता की पूजा या धार्मिक कार्यों में भाग लेने से बचना चाहिए। यह नियम हनुमान जी की पूजा पर भी पूरी तरह से लागू होता है। इस समय को शारीरिक और मानसिक आराम का समय माना गया है।भक्ति में है सबसे बड़ी शक्तिअंत में,यह याद रखना सबसे ज़रूरीहैकि भगवान किसी भेंट या विधि के भूखे नहीं,बल्किसच्चे भाव और भक्तिके भूखे होते हैं। अगर आपका मन सच्चाहैऔर आपकी आस्था अटूट है,तो आपकी प्रार्थना हनुमान जी तक ज़रूर पहुंचेगी,चाहे आप उन्हें दूर से प्रणाम करें या पास बैठकर उनका पाठ करें। इन सरल नियमों का पालन करके,कोई भी महिला संकटमोचन हनुमान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकती है और अपने जीवन के सभी संकटों से मुक्ति पा सकती है।