उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली इलाके में शुक्रवार आधी रात के बाद बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस घटना से थराली कस्बे, आसपास के गाँवों और बाज़ारों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भारी बारिश और मलबे से कई घर, दुकानें और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।
बादल फटने का सबसे ज़्यादा असर थराली बाज़ार, कोटदीप और तहसील क्षेत्र में देखा गया। तहसील परिसर, एसडीएम आवास और कई घरों में मलबा घुस गया। तहसील परिसर में खड़े कई वाहन मलबे में दब गए। कस्बे की गलियाँ इतनी मलबे से भर गईं कि वे तालाब जैसी लग रही थीं। पास के सागवाड़ा गाँव में मलबे में दबकर एक लड़की की मौत हो गई।
इस घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। पुलिस और प्रशासन की टीमें तुरंत राहत कार्य के लिए गाँव पहुँच गईं। चेपड़ो बाज़ार में मलबे से कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। साथ ही, एक व्यक्ति के लापता होने की भी खबर है, जिससे स्थानीय लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
यातायात पूरी तरह बाधितभारी बारिश और मलबे के कारण थराली-ग्वालदम मार्ग मिंगगाडेरा के पास बंद हो गया है। इसके अलावा, थराली-सागवाड़ा मार्ग भी अवरुद्ध है। इन दोनों मार्गों के बंद होने से क्षेत्र में यातायात भी ठप हो गया है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गौचर से राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की एक टीम मौके पर मौजूद है। प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की एक टीम मिंगगाडेरा के पास सड़क खोलने के प्रयासों में जुटी है, ताकि यातायात और राहत कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।
स्कूल और आंगनवाड़ी बंदजिला प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए थराली तहसील के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को शनिवार (23 अगस्त 2025) के लिए बंद रखने के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि पुलिस और प्रशासनिक टीमें लगातार मौके पर मौजूद हैं और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी से जुटी हैं। थराली में बादल फटने की घटना के कारण कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं और सड़कें टूट गई हैं।
उत्तराखंड में इस मानसून के दौरान, कई बड़े बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। सबसे गंभीर घटना 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल क्षेत्रों में हुई। उत्तरकाशी में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ ने हर्षिल क्षेत्र को तबाह कर दिया।
कई घर, होटल और बुनियादी ढाँचा बह गया। इस दुर्घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग लापता हो गए। सुखी और बागोरी सहित कई गाँव प्रभावित हुए, जहाँ घरों और कृषि संपत्तियों को भारी नुकसान पहुँचा। जुलाई के अंत में रुद्रप्रयाग में केदारघाटी क्षेत्र में बादल फटने से आई बाढ़ ने भी यहाँ तबाही मचाई। कई घर और वाहन मलबे में दब गए और नदियाँ उफान पर आ गईं।