राजस्थान में आरजीएचएस योजना में बड़ा बदलाव संभव, भजनलाल सरकार लागू कर सकती है नई नीति
aapkarajasthan August 23, 2025 05:42 PM

जयपुर: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए शुरू की गई राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) अब खुद बीमार हो गई है। दावा भुगतान में अनियमितताओं और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सरकार योजना के मॉडल को बदलने पर गंभीरता से विचार कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की कमान अपने हाथ में लेने के बाद अब इसकी निगरानी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा (मां योजना) चलाने वाली एजेंसी को सौंप दी गई है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार इस योजना में बड़ा बदलाव कर इसे मां योजना में तब्दील कर सकती है या फिर आरजीएचएस में ब्रांडेड दवाओं की व्यवस्था खत्म कर सकती है। दो महीने पहले ही योजना का संचालन वित्त विभाग से लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया था। इसके बाद विभाग ने मां योजना की तर्ज पर जिला स्तर पर इस योजना की निगरानी की कमान जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सौंप दी है। अगर मां योजना में समायोजन नहीं किया गया तो दूसरे विकल्प के तौर पर मौजूदा आरजीएचएस योजना में शामिल ब्रांडेड जेनेरिक दवाओं की सुविधा खत्म की जा सकती है।

योजना में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण दवा और फर्जी दावे
माना जा रहा है कि योजना में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण दवा और फर्जी दावे हैं। निजी अस्पतालों के अनुसार, राज्य सरकार के पास लगभग 4 लाख दावे अपील में लंबित हैं। इन पर लगभग 140 करोड़ रुपये बकाया हैं। ऐसे में काम करना आसान नहीं है। गौरतलब है कि राजस्थान अलायंस ऑफ ऑल हॉस्पिटल्स एसोसिएशन ने बकाया भुगतान न होने के विरोध में 25 अगस्त से योजना में कैशलेस इलाज बंद करने की घोषणा की है।

माँ योजना
-1.34 करोड़ परिवार पंजीकृत
-राजस्थान राज्य स्वास्थ्य आश्वासन एजेंसी द्वारा संचालित
-850 रुपये वार्षिक प्रीमियम राशि
-विभिन्न श्रेणियों में निःशुल्क श्रेणी भी
-25 लाख रुपये तक वार्षिक कैशलेस इलाज
-1800 से अधिक सरकारी और निजी अस्पताल सूचीबद्ध
-इलाज के लिए 2047 पैकेज

योजना का मूल्यांकन किया जा रहा है
आरजीएचएस में अनियमितताओं पर कार्रवाई की गई है। यह योजना हाल ही में चिकित्सा विभाग को सौंपी गई है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भी अन्य योजनाओं की तरह निर्बाध और परेशानी मुक्त सेवाओं का लाभ मिले। इसके लिए योजना का विभिन्न समूहों में मूल्यांकन किया जा रहा है।

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