साउथ अफ्रीका के हाथों पहले ही वनडे सीरीज गंवाने वाली ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने जाते-जाते धमाकेदार जीत दर्ज कर ही ली. वनडे सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच में विस्फोटक बल्लेबाजी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 431 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया. इसके बाद कुछ अच्छी गेंदबाजी और कुछ बेहतरीन फील्डिंग के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका को इस स्कोर के दबाव में सरेंडर को मजबूर कर दिया और 276 रन के बड़े अंतर से जीत दर्ज कर ली.
मैक्के के ग्रेट बैरियर रीफ एरीना में रविवार 24 अगस्त को इस सीरीज का आखिरी मैच खेला गया. पहले मैच में साउथ अफ्रीका ने 98 और दूसरे मैच में 84 रन से जीत दर्ज की थी. इन दोनों ही मैच में ऑस्ट्रेलिया के स्कोर 198 और 193 रन थे. मगर इस बार ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी की और सम्मान की लड़ाई में जमकर हमला बोला. ऑस्ट्रेलिया ने इस बार सिर्फ 2 विकेट खोकर ही 431 रन बना लिए. उसकी ओर से शुरुआती तीनों बल्लेबाजों ने धमाकेदार शतक जमाए और तीनों ही शतक अपने-आप में खास थे.
हेड और मार्श की विस्फोटक शुरुआतइसकी शुरुआत ट्रेविस हेड ने की, जो पिछले दोनों मैच और उससे पहले टी20 सीरीज में एकदम फेल रहे थे. इस बार उन्होंने साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों को जमकर कूटा और सिर्फ 32 गेंदों में अर्धशतक और फिर 80 गेंदों में शतक जमा दिया. ये इस साल हेड का तीनों फॉर्मेट में पहला ही शतक था, जबकि साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहला वनडे शतक भी था. हेड ने सिर्फ 103 गेंदों में 142 रन कूटे. वहीं इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी कर रहे मिचेल मार्श ने भी बतौर वनडे कप्तान पहला शतक लगाया. मगर असली महफिल तो तीसरे नंबर पर आए ग्रीन ने लूटी, जिन्हें प्रमोट किया गया था.
ग्रीन ने लगाया हैरतअंगेज शतकलंबे कद के इस युवा ऑलराउंडर ने टी20 सीरीज वाली फॉर्म जारी रखी और 35वें ओवर में आकर भी एक तूफानी शतक जड़ दिया. ग्रीन ने एक ही ओवर में लगातार 3 छक्के लगाते हुए 28 गेंदों में अर्धशतक लगाया और फिर 47 गेंदों में अपना पहला वनडे शतक जमाया. ये ऑस्ट्रेलिया के लिए वनडे क्रिकेट में दूसरा सबसे तेज शतक भी था. ग्रीन ने 55 गेंदों में 118 रन बनाए और नॉट आउट लौटे. उनकी पारी में 8 छक्के और 7 चौके शामिल थे. वहीं एलेक्स कैरी ने सिर्फ 37 गेंदों में नाबाद 50 रन बनाए.
कॉनोली के सामने साउथ अफ्रीका पस्तसाउथ अफ्रीका के लिए ये स्कोर पहले ही बड़ा था लेकिन 19 साल पहले जिस तरह साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया से मिले 435 रन के लक्ष्य को हासिल किया था, वो दोनों टीम और उनके फैंस के जहन में जरूर रहा होगा. मगर इस बार इतिहास ने खुद को नहीं दोहराया और साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज इस भारी स्कोर के दबाव में लड़खड़ा गए. टीम ने 9 ओवर में सिर्फ 50 रन के अंदर अपने 4 विकेट गंवा दिए थे. यहां पर युवा बल्लेबाज डेवाल्ड ब्रेविस ने एक आक्रामक पारी खेलकर कुछ जवाबी हमला किया लेकिन वो भी 28 गेंदों में 49 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. उनके अलावा सिर्फ टोनी डिजोर्जी (33) कुछ देर टिक सके. पूरी टीम 25 ओवर के अंदर ही 155 रन पर ढेर हो गई. ऑस्ट्रेलिया के लिए 22 साल के युवा स्पिनर कूपर कॉनोली ने करियर में पहली बार 5 विकेट झटके.