रामगढ़, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
रामगढ़ में खुला साइबर थाना साइबर क्रिमिनल को पकड़ने में काफी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इस थाने में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारी की सक्रियता से एक ऐसी महिला गिरफ्तार की गई है जो साइबर गिरोह चला रही थी। उसके पास से कई बैंक पासबुक आदि बरामद हुआ है। इस मामले की जानकारी रविवार को एसपी अजय कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को साइबर थाने में साइबर गिरोह की ओर से 2 लाख 4 हजार 500 रुपए की ठगी किए जाने की सूचना आई थी। कांड संख्या 3/ 25 में कार्रवाई करते हुए साइबर थाने के पदाधिकारी ने उस कड़ी को पकड़ लिया जहां से लोग ठगे जा रहे थे।
गिरफ्तार पूर्णिमा देवी के घर से मिले एटीएम और बैंक पासबुक
इस दौरान जांच टीम ने गोला थाने के तोयर, खोहा गांव निवासी पूर्णिमा देवी पति टेकलाल महतो को गिरफ्तार किया। जब उसके घर की तलाशी ली गई तो साइबर फ्रॉड में प्रयोग किए गए नौ बैंक खातों का पासबुक, एक स्पीड पोस्ट रसीद, जिसके माध्यम से साइबर गिरोह को एटीएम कार्ड भेजा गया था एवं एक सिम कार्ड का कवर बरामद किया गया। उक्त सभी सामग्रियों को पुलिस ने जब्त किया है। जांच के क्रम में जब्त बैंक खातों का सत्यापन एनसीआरपी ( नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) के माध्यम से किया गया। जिसमें यह पुष्टि हुई थी पूर्णिमा देवी के नाम से संचालित अधिकांश खाता पर एक से अधिक साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज है। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
आधा दर्जन बैंकों में पूर्णिमा ने खुलवाया खाता
साइबर गिरोह चला रही महिला पूर्णिमा देवी ने 6 बैंकों में अपना खाता खुला रखा था। पंजाब नेशनल बैंक के खाते पर तीन साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज है। केनरा बैंक के खाते पर एक साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज है। बैंक आफ महाराष्ट्र खाता पर 6 साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज है। बैंक ऑफ़ इंडिया के खाते पर 23 साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज है। केनरा बैंक के एक दूसरे खाते में सात साइबर क्राइम होने का रिपोर्ट दर्ज है। पंजाब नेशनल बैंक के दूसरे खाते में भी दो साइबर क्राइम होने का रिपोर्ट दर्ज है।
देश के हर कोने से पूर्णिमा के खाते में आए हैं पैसे
पूर्णिमा देवी ने अपने नौ बैंक खातों को हैंडल करने का अधिकार गिरोह के मुख्य सरगना को दिया था। उसने अपने सभी बैंक खातों का एटीएम और गिरोह के सरगना को बेंच दिया था। वह सरगना पूरे देश से मासूम नागरिकों को ठगता था और इसके बैंक खाते में रुपए मंगवाता था। रुपये आने के बाद तत्काल एटीएम से वह उसे निकाल लेता था। यहां तक कि पूर्णिमा को कमीशन के तौर पर रुपये भी भेजता था । पूर्णिमा ने अपना सिम कार्ड भी गिरोह के सरगना को बेंच दिया था।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश