बेलागंज प्रखंड में मछली की मौत, ऑक्सीजन की कमी को बताया कारण
Samachar Nama Hindi August 27, 2025 05:42 AM

जिले के बेलागंज प्रखंड स्थित कोरमा पोखर में रविवार रात भारी मात्रा में मछलियों की मौत हो गई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी बताया जा रहा है, जो इस घटना के पीछे मुख्य कारण मानी जा रही है। यह घटना स्थानीय मत्स्यजीवियों और मछली पालकों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है।

घटना का विवरण:
रविवार की रात को कोरमा पोखर में मछलियों की बड़ी संख्या में मौत की खबर सामने आई। स्थानीय मत्स्यजीवी और मछली पालकों ने तुरंत इस पर चिंता जताई और घटना की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि मछलियों की मौत का मुख्य कारण ऑक्सीजन की कमी है। पोखर में बढ़ते तापमान और जलवायु परिस्थितियों के कारण पानी में ऑक्सीजन का स्तर घट गया था, जो मछलियों के लिए जीवन के लिए जरूरी था। इसके परिणामस्वरूप मछलियां पानी से निकलने में असमर्थ रही और मृत हो गईं।

मत्स्यजीवी के अध्यक्ष का बयान:
इस संबंध में बेलागंज प्रखंड के मत्स्यजीवी संघ के अध्यक्ष देवश दास ने बताया कि एक वर्ष पूर्व कोरमा पोखर में रेहू प्रजाति के मछलियों का बीज डाला गया था, जो अब पूरी तरह से तैयार हो चुका था। मछलियों की इस तैयार फसल को निकाले जाने की योजना बनाई जा रही थी, लेकिन इससे पहले ही इस घटना ने सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऑक्सीजन की कमी न होती, तो मछलियों की मौत की यह त्रासदी नहीं होती।

मछली पालकों के लिए संकट:
मछली पालन क्षेत्र के लिए यह घटना एक बड़ी क्षति साबित हो रही है। मछलियां तैयार हो चुकी थीं और इन्हें बाजार में बेचने की योजना थी, लेकिन इस हादसे ने न केवल मछली पालकों की मेहनत को नुकसान पहुंचाया, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी यह एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया। मछली पालन से जुड़े परिवार अब आर्थिक नुकसान का सामना कर रहे हैं।

कृषि और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव:
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि जलवायु परिवर्तन और पानी की गुणवत्ता पर लगातार बढ़ते दबाव का असर स्थानीय कृषि और मत्स्य पालन पर हो सकता है। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।

प्रशासन से मदद की मांग:
घटना के बाद स्थानीय मछली पालक और मत्स्यजीवी संघ ने प्रशासन से सहायता की अपील की है। उन्होंने कहा है कि पानी के ऑक्सीजन स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए और इस तरह के हादसों से बचने के लिए पोखरों की नियमित निगरानी की जानी चाहिए।

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