छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। अमिटी यूनिवर्सिटी में लॉ (कानून) की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि घटना से दो दिन पहले छात्रा को यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में एक युवक के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने दोनों को निष्कासित कर घर भेज दिया था।
घर लौटने के बाद उठाया खौफ़नाक कदमयुवती अपने घर जगदलपुर लौटी थी। वहीं पर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। स्वजन का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के फैसले के बाद से वह मानसिक रूप से बेहद परेशान थी।
सुसाइड नोट से उठे कई सवालछात्रा ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने अपने स्वजन के नाम संदेश लिखा है। हालांकि, सुसाइड नोट की पूरी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। पुलिस ने नोट को अपने कब्जे में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
परिवार में मातम, छात्रों में आक्रोशइस घटना से छात्रा के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं, यूनिवर्सिटी के कई छात्रों ने प्रबंधन के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं। छात्रों का कहना है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई करना ज़रूरी था, लेकिन छात्रा को मानसिक दबाव में डालना सही नहीं था।
पुलिस जांच जारीजगदलपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आत्महत्या के पीछे की असल वजह साफ हो पाएगी। फिलहाल, यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रा के परिवार से पूछताछ की जा रही है।
संवेदनशील मुद्दाविशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएँ छात्र-छात्राओं की मानसिक स्थिति पर गहरा असर डालती हैं। ऐसे मामलों में शैक्षणिक संस्थानों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ परामर्श (Counseling) की व्यवस्था भी करनी चाहिए, ताकि छात्र तनाव में कोई कठोर कदम न उठाएँ।