Zerodha की सफलता की कहानी: कैसे बिना फंडिंग के बनाया शेयर मार्केट का मास्टरपीस
Business Sandesh Hindi August 27, 2025 06:42 PM

भारत के सबसे बड़े और लोकप्रिय ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, Zerodha, के सह-संस्थापक और CEO नितिन कामत ने हाल ही में अपने स्टार्टअप के शुरुआती दौर की कई अनकही बातें साझा की हैं। उन्होंने बताया कि Zerodha के पास शुरुआत में विज्ञापन या मार्केटिंग के लिए कोई खास बजट नहीं था, लेकिन कैसे टीम ने अपनी मेहनत, स्मार्ट रणनीतियों और टेक्नोलॉजी के दम पर बाज़ार में अपनी अलग पहचान बनाई और सफलता की बुलंदियों को छुआ।

शुरुआती दौर में आर्थिक तंगी का सामना

नितिन कामत ने खुलासा किया कि जब Zerodha की स्थापना हुई थी, तब कंपनी के पास मार्केटिंग या प्रचार-प्रसार के लिए पर्याप्त धन नहीं था। “हमारे पास एडवरटाइजिंग के लिए बजट बिल्कुल नहीं था। न बड़े कॉर्पोरेट के समर्थन थे, न कोई बड़ी फंडिंग मिली थी। हम एकदम स्टार्टअप स्टेज पर थे और सारा फोकस प्रोडक्ट क्वालिटी और कस्टमर एक्सपीरियंस पर था।”

उन्होंने बताया कि ज़्यादातर स्टार्टअप शुरुआती दिनों में बड़े बजट के बिना टिकना मुश्किल समझते हैं, लेकिन Zerodha ने खुद की ताकत पर भरोसा रखा और अपनी सेवाओं के जरिये ग्राहकों का विश्वास जीतने पर ध्यान केंद्रित किया।

टेक्नोलॉजी को बनाया सबसे बड़ा हथियार

नितिन ने आगे बताया कि Zerodha की सफलता का सबसे बड़ा कारण उनकी टेक्नोलॉजी पर जोर था। “हमने अपनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को यूजर-फ्रेंडली बनाया ताकि नए और अनुभवी दोनों तरह के निवेशक इसे आसानी से समझ सकें। एक दम सरल इंटरफेस, तेज स्पीड और कम लागत की वजह से ग्राहकों ने हमें पसंद किया।”

उन्होंने कहा कि इस युग में टेक्नोलॉजी ही सबसे बड़ा मार्केटिंग टूल है, जब आप अच्छा प्रोडक्ट देते हैं तो ग्राहक खुद ही आपके ब्रांड को प्रमोट करते हैं। Zerodha ने सोशल मीडिया, ब्लॉग्स और वर्ड-ऑफ-माउथ का इस्तेमाल कर बिना खर्चे के बड़ी संख्या में ग्राहकों तक पहुंच बनाई।

कस्टमर फर्स्ट अप्रोच ने दिलाई सफलता

CEO नितिन कामत ने बताया कि Zerodha की एक खासियत यह भी रही कि उन्होंने हर वक्त ग्राहक की जरूरत को सबसे पहले रखा। “हमारे प्लेटफॉर्म पर फीस बहुत कम है, लेन-देन में पारदर्शिता है और कस्टमर सपोर्ट भी मजबूत है। ये चीज़ें हमारे ग्राहकों को जोड़े रखती हैं।”

उनका मानना है कि जब ग्राहक संतुष्ट होते हैं तो वे अपने अनुभव को दूसरों के साथ जरूर साझा करते हैं, जो कंपनी की मार्केटिंग में सबसे बड़ा योगदान होता है।

फंडिंग के बिना भी बना बिजनेस मॉडल

कंपनी की अनोखी रणनीति यह रही कि Zerodha ने शुरुआत में किसी बाहरी निवेशक से फंडिंग नहीं ली। नितिन कामत ने बताया, “हमने अपने बिजनेस मॉडल को खुद फंड किया और धीरे-धीरे मुनाफा कमाना शुरू किया। यह तरीका हमें अधिक नियंत्रण देता है और कंपनी के मूल उद्देश्य से दूर नहीं होने देता।”

बाजार में जब दूसरे स्टार्टअप फंडिंग के लिए दौड़ रहे थे, तब Zerodha ने अपनी स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया। यही कारण है कि आज कंपनी लाखों निवेशकों के बीच सबसे भरोसेमंद ब्रांड बन गई है।

आगे का रोडमैप और नए आयाम

नितिन कामत ने यह भी बताया कि Zerodha भविष्य में भी ग्राहक-केंद्रित और तकनीक-आधारित रणनीतियों को प्राथमिकता देगा। कंपनी न केवल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के विस्तार पर काम कर रही है, बल्कि निवेशकों के लिए नये-नये वित्तीय उत्पाद भी लाने की योजना बना रही है।

उन्होंने युवाओं को भी प्रेरित किया कि वे हार न मानें और बिना फंडिंग के भी अपने आइडिया को स्मार्ट वर्क से सफल बना सकते हैं।

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