Shiv pradosh vrat puja vidhi: पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन शिवजी की पूजा संध्या काल में की जाती है, जिसे प्रदोष काल कहा जाता है. मान्यता है कि इस समय भोलेनाथ प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और जीवन की हर बाधा दूर करते हैं. लेकिन प्रदोष व्रत में संध्या पूजा को महत्वपूर्ण माना जाता है.
क्या है प्रदोष काल?प्रदोष शब्द का अर्थ है ‘रात्रि का आरंभ’. सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच का समय ही प्रदोष काल कहलाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यह वह समय है जब भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न और दयालु मुद्रा में होते हैं. यही कारण है कि इस समय की गई पूजा और आराधना का फल तुरंत और कई गुना अधिक मिलता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक करनी चाहिए. इस पूरे 90 मिनट के समय को प्रदोष काल कहा जाता है.
शाम की पूजा का महत्वधार्मिक कथाओं के अनुसार, प्रदोष काल वह समय है जब भगवान शिव अपने निवास स्थान कैलाश पर आनंद तांडव करते हैं. मान्यता है कि इस समय सभी देवी-देवता भगवान शिव के साथ इस दिव्य नृत्य में शामिल होते हैं. इसलिए, जो भक्त इस पवित्र समय में भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें महादेव के साथ-साथ सभी देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इस दौरान शिव-पार्वती की संयुक्त रूप से पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है. यह भी कहा जाता है कि इस समय शिव जी बहुत ही जल्दी अपने भक्तों की मनोकामनाएं सुनते हैं और उन्हें पूरा करते हैं. शाम के समय पूजा करने से भक्तों को रोग, दोष और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है.
प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Pradosh vrat puja vidhi)प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. फिर पूजा स्थल को साफ करके भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें. शाम के समय, प्रदोष काल में, पूजा शुरू करें. सबसे पहले, भगवान शिव को गंगाजल और दूध से अभिषेक करें. इसके बाद, उन्हें बेलपत्र, फूल, धतूरा और भांग चढ़ाएं. दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती दिखाएं. शिव चालीसा और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें. ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें. आखिर में, आरती करें और प्रसाद चढ़ाकर सभी को बांटें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.