हीर एक्सप्रेस समीक्षा: उमेश शुक्ल द्वारा निर्देशित फिल्म 'हीर एक्सप्रेस' 12 सितंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। इस फिल्म में दिविता जुनेजा ने हीर का किरदार निभाया है, जबकि संजय मिश्रा, आशुतोष राणा, मेघना मलिक और गुलशन ग्रोवर जैसे सितारे भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। दिविता ने इस फिल्म के साथ अपने करियर की शुरुआत की है, जिसमें वह अपनी मां के सपने को पूरा करने के लिए लंदन जाती हैं। आइए जानते हैं फिल्म की समीक्षा।
कहानी पंजाब की एक लड़की हीर वालिया की है, जो अपने दो मामा के साथ रहती है। वह एक ढाबा चलाती है, खाना बनाती है और घोड़ों की सवारी करती है। उसकी जिंदगी में बदलाव तब आता है जब उसे लंदन में प्रीतो दा ढाबा रेस्टोरेंट संभालने का प्रस्ताव मिलता है। लंदन पहुंचने पर उसे पता चलता है कि रेस्टोरेंट की स्थिति खराब है, ग्राहक संख्या 200 से घटकर 15-20 रह गई है और बैंक इसे बंद करने की सोच रहा है। हीर यहां अपने परिवार की उम्मीदों और अपनी कुकिंग हॉबी को संतुलित करने की कोशिश करती है। फिल्म में यह दिखाया गया है कि वह नए माहौल में कैसे ढलती है।
'हीर एक्सप्रेस' की कहानी में कलाकारों का योगदान महत्वपूर्ण है। दिविता ने अभिनय की शिक्षा ली है, और उनकी सहजता इस फिल्म में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। आशुतोष राणा, संजय मिश्रा और गुलशन ग्रोवर जैसे अनुभवी कलाकार भी अपनी भूमिकाओं में जान डालते हैं। सभी कलाकारों ने अपने किरदारों को जीवंत बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
फिल्म में अच्छे गाने और शानदार संगीत हैं, जो कहानी के साथ दर्शकों को जोड़ते हैं। इसमें बेहतरीन संवाद भी हैं, जो समय-समय पर दर्शकों को हंसाते हैं।
संक्षेप में, 'हीर एक्सप्रेस' एक पारिवारिक मनोरंजन का बेहतरीन उदाहरण है। यह एक आदर्श फैमिली ड्रामा है, जिसमें पंजाबी तड़का भी शामिल है। 2 घंटे 22 मिनट की यह फिल्म देखने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है।