काशी में डॉ. संतोष ओझा ने 12 वर्षों में 1 लाख 20 हजार अजन्मी बेटियों का श्राद्ध किया। आगमन संस्था द्वारा आयोजित यह अनुष्ठान कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता लाने का प्रयास है। मातृ नवमी पर दशाश्वमेध घाट पर पितृ पक्ष के तहत पिंडदान किया गया ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके।
दशाश्वमेध घाट पर मातृ नवमी के अवसर पर आयोजित इस श्राद्ध अनुष्ठान में पितृ पक्ष के तहत विधिपूर्वक पिंड निर्माण किया गया। डॉ संतोष ओझा ने बताया कि यह अनुष्ठान उन बेटियों के लिए है, जिन्हें उनके ही माता-पिता ने गर्भ में समाप्त कर दिया। इस अनुष्ठान में 13,000 पिंडों के माध्यम से अजन्मी बेटियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।