'मैं सब्जियों में नमक जैसा हूं, 25 हजार वोटों पर असर डालने की ताकत रखता हूं' – सीट बंटवारे से पहले NDA को चिराग पासवान का चुनावी अल्टीमेटम
Lifeberrys Hindi September 17, 2025 06:42 PM

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच NDA में सीट बंटवारे पर खींचतान लगातार गहराती जा रही है। इसी माहौल में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने गठबंधन सहयोगियों को खुला संदेश दिया है। NDTV से बातचीत में उन्होंने कहा— "मैं सब्जियों में नमक जैसा हूं… हर निर्वाचन क्षेत्र में 20 से 25 हजार वोटों पर असर डालने की ताकत रखता हूं।" यह बयान न केवल NDA की आंतरिक राजनीति को गरमा रहा है, बल्कि बिहार के चुनावी परिदृश्य में पासवान की भूमिका को और अहम बना रहा है।

2020 की निराशा, 2024 की वापसी

चिराग पासवान की पार्टी 2020 विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उतरी थी, मगर सिर्फ एक ही सीट जीत सकी। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव ने तस्वीर पूरी तरह बदल दी। चिराग गुट ने पांच की पांच सीटों पर विजय दर्ज कर ली, और वोट प्रतिशत भी लगभग 1% बढ़ा। यही उपलब्धि अब उन्हें सीट बंटवारे में मजबूत स्थिति देती है।

सीटों की मांग और “सम्मानजनक सौदा”


सूत्र बताते हैं कि चिराग NDA से करीब 40 विधानसभा सीटों की मांग कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने खुद सीधे शब्दों में कहा— "मैं सम्मानजनक संख्या चाहता हूं, और मेरे लिए गुणवत्तापूर्ण सीटें ज्यादा मायने रखती हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि NDA में अभी तक औपचारिक रूप से सीटों पर बातचीत शुरू नहीं हुई है।

मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर चिराग

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे नीतीश कुमार की जगह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्होंने सीधे तौर पर हां नहीं कहा। बल्कि बोले— "मेरे समर्थक मुझे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। यह सामान्य है। समर्थक अपने नेता के लिए बड़े सपने देखते हैं, इसमें कुछ गलत नहीं है।" यानी उन्होंने महत्वाकांक्षाओं को नकारा भी नहीं और खुलकर स्वीकार भी नहीं किया।

NDA में शामिल, लेकिन सरकार में नहीं

चिराग पासवान ने एक बार फिर याद दिलाया कि उनकी पार्टी बिहार सरकार का हिस्सा नहीं है। "मैं केवल केंद्र में NDA का भाग हूं, बिहार में सिर्फ सरकार को समर्थन दे रहा हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर हालात बिगड़ते हैं तो गठबंधन से बाहर निकलने का रास्ता हमेशा उनके लिए खुला है।

पासवान वोट और बीजेपी की पेशकश


पासवान समुदाय बिहार के करीब 6% वोट पर असर रखता है। यही वजह है कि बीजेपी चिराग को नजरअंदाज नहीं कर सकती। खबर है कि बीजेपी ने उन्हें 25 सीटों का ऑफर दिया है। लेकिन चिराग इससे संतुष्ट नहीं दिख रहे। बीजेपी की दिक्कत यह है कि अगर वह ज्यादा सीटें देती है तो JDU जैसे सहयोगी नाराज होंगे, और अगर सीटें कम दीं तो पासवान वोट बैंक खिसक सकता है।

नीतीश पर हमला और समर्थन दोनों

चिराग कई बार नीतीश कुमार पर कानून-व्यवस्था और सुशासन को लेकर तीखे हमले कर चुके हैं। उन्होंने कहा— "मैं सरकार की कमजोरियों पर बोलता हूं, क्योंकि यही मेरे फीडबैक देने का तरीका है।" लेकिन समय-समय पर उन्होंने नीतीश को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में समर्थन भी दिया है। यह दोहरा रुख NDA के भीतर असहजता पैदा करता रहा है।

NDA के भीतर तनाव और मांझी का तंज

चिराग की यह रणनीति JDU के नेताओं को खटकती रही है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी नेतृत्व ने भी उन्हें नीतीश से टकराव कम करने की सलाह दी थी। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने हाल ही में चिराग पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2020 में LJP का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा। जवाब में चिराग ने कहा— "जीतन राम मांझी वरिष्ठ नेता हैं, उनका कद मुझसे बड़ा है। लेकिन पता नहीं क्यों, उनके मन में मेरे लिए कोई शिकायत है। शायद चुनाव से पहले अपनी स्थिति मजबूत करने का उनका तरीका हो।"

चुनावी समीकरण और भविष्य की तस्वीर

विशेषज्ञों का मानना है कि चिराग पासवान अब खुद को सिर्फ एक सहयोगी नेता नहीं, बल्कि किंगमेकर के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी और JDU के बीच सीट बंटवारे का संतुलन कितना बिगड़ता या संभलता है, यह आने वाले दिनों में तय होगा। मगर इतना तय है कि चिराग की मौजूदगी से बिहार का चुनावी मुकाबला और रोमांचक होने वाला है।

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