Sarv Pitru Amavasya Katha in Hindi: रविवार, 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जा रही है. सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है, जिसे महालया अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन पितृ पक्ष का समापन होता है और पितरों को विदाई दी जाती है. इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण करने का विधान है. सर्व पितृ अमावस्या को सभी अमावस्या में सबसे महत्वपूर्ण और विशेष माना जाता है, जिसका उल्लेख धर्म पुराणों में भी मिलता है. सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने के लिए कथा का पाठ करना बहुत लाभकारी माना जाता है. कहते हैं कि इस कथा का पाठ करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जाते हुए अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर जाते हैं.
सर्व पितृ अमावस्या की कथा क्या हैसर्व पितृ अमावस्या के दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं. इस दिन व्रत रखने वालों को यह व्रत कथा का पाठ करना जरूरी है. सर्व पितृ अमावस्या की कथा के अनुसार, प्राचीन काल में अग्निष्वात और बर्हिषपद नाम के पितृ देव थे, जिनकी एक मानस पुत्री थीं अक्षोदा. अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए अक्षोदा ने आश्विन मास की अमावस्या पर पितरों के लिए तप किया था. अक्षोदा की तपस्या से प्रसन्न होकर सभी पितर देवताओं ने अक्षोदा से वरदान मांगने को कहा. लेकिन अक्षोदा का पूरा ध्यान एक तेजस्वी पितर अमावसु पर था. अक्षोदा ने अमावसु से कहा – “वरदान के रूप में मैं आपका साथ चाहती हूं”.
अक्षोदा की इस बात से सभी पितर देव क्रोधित हो गए और उन्होंने अक्षोदा को श्राप दिया कि वह पितृ लोक से पृथ्वी लोक जाएंगी. पितरों की यह बात सुनकर अक्षोदा को अपनी गलती का अहसास हुआ हुआ और उन्होंने पितर देवों से माफी मांगी. तब पितरों ने दया कर उससे कहा कि वह अगले जन्म में मत्स्य कन्या के रूप में जन्म लेगी. पितर देवों ने आगे कहा कि वहां ब्रह्माजी के वंशज महर्षि पाराशर उस मत्स्य कन्या को पति रूप में मिलेंगे और तब उनके गर्भ से भगवान वेद व्यास जन्म लेंगे.
इसके बाद श्राप मुक्त होकर वह फिर से पितर लोक में वापस आ सकेंगी. लेकिन सभी पितर देवता पितृ अमावसु से भी प्रसन्न थे. उन सभी ने पितृ अमावसु को वरदान दिया कि उन्होंने जिस तरह स्त्री के सौन्दर्य के आगे आपने अपने मन को स्थिर रखा, वह प्रशंसनीय है. इसी वजह से यह तिथि उनके नाम यानी अमावसु के रूप में जानी जाएगी. धार्मिक मान्यता है कि तभी से इस दिन का नाम सर्व पितृ अमावस्या पड़ा.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)