71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में भारतीय सिनेमा का जश्न
Stressbuster Hindi September 24, 2025 01:42 PM
भारतीय सिनेमा का अद्भुत उत्सव

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में भारतीय सिनेमा के प्रतिभाशाली कलाकारों और फिल्म निर्माताओं की उपस्थिति ने एक अद्भुत माहौल बनाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का वितरण न केवल एक औपचारिकता थी, बल्कि यह भारतीय फिल्म उद्योग की विविधता और प्रतिभा का जीवंत प्रदर्शन भी था।




जब मलयालम के सुपरस्टार मोहनलाल मंच पर आए, तो पूरे हॉल में तालियों और जयकारों की गूंज सुनाई दी। दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करना उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि के साथ-साथ दक्षिण भारतीय सिनेमा की महानता का प्रतीक भी था। इसके बाद, जब शाहरुख खान ने Jawan के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार ग्रहण किया, तो दर्शकों ने खुशी से झूम उठे। “Shah Rukh! Shah Rukh!” की गूंज ने समारोह के उत्साह को और बढ़ा दिया।


दर्शकों का उत्साह


रानी मुखर्जी, विक्रांत मैसी, सुदीप्त सेन और करण जौहर जैसे अन्य विजेताओं का स्वागत भी दर्शकों के उत्साह में कमी नहीं लाया। यह केवल बॉलीवुड का ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय सिनेमा—तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और गुजराती फिल्मों—का भी सम्मान था। यह दर्शाता है कि भारतीय सिनेमा अब भाषा और क्षेत्र की सीमाओं से परे जाकर अपनी पहचान बना रहा है।




तकनीकी श्रेणियों में भी इस वर्ष का उत्साह उल्लेखनीय रहा। फिल्म “Animal” ने ध्वनि डिज़ाइन में उत्कृष्टता और री-रिकॉर्डिंग में विशेष उल्लेख प्राप्त किया। संगीत में शिल्पा राव और तेलुगू फिल्म Baby के गायक को सर्वोच्च पुरस्कार मिले। यह दिखाता है कि भारतीय फिल्म उद्योग में केवल अभिनेता ही नहीं, बल्कि तकनीकी और संगीत की टीम भी समान रूप से प्रतिभाशाली हैं।


समारोह का महत्व


71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का यह उत्सव केवल पुरस्कार वितरण तक सीमित नहीं रहा। यह भारतीय सिनेमा के प्रति आम जनता, कलाकारों और सरकार की प्रतिबद्धता का जश्न था। विजेताओं की मुस्कान, दर्शकों की तालियाँ और पूरे हॉल में उत्साह का वातावरण इस बात का प्रतीक है कि भारतीय फिल्म उद्योग अब न केवल ग्लैमर का केन्द्र है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी दृष्टि से भी नई ऊँचाइयों को छू रहा है।




अंत में, यह समारोह यह याद दिलाता है कि भारतीय सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि संस्कृति, कला और सामाजिक संदेश का महत्वपूर्ण माध्यम है। आज, विज्ञान भवन में हमने इसे गर्व और उत्साह के साथ महसूस किया।


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