जालोर में पहला रिंग रोड: टेंडर प्रक्रिया शुरू
newzfatafat September 24, 2025 03:42 PM
जालोर रिंग रोड का निर्माण


राजस्थान रिंग रोड: जालोर जिले में पहला रिंग रोड जिला मुख्यालय के आसपास बनाया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है। यह प्रोजेक्ट जालोर के भविष्य और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जा रहा है। इस रिंग रोड प्रोजेक्ट को राज्य बजट 2025 में जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग की पहल पर स्वीकृति मिली थी।


गांवों को मिलेगा लाभ 


कई अटकलों के बाद, जालोर रिंग रोड प्रोजेक्ट की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं और टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। चयनित एजेंसी द्वारा रूट के लिए दो से तीन विकल्प प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें से सबसे उपयुक्त रूट का चयन किया जाएगा। विभागीय चर्चा के अनुसार, यह रिंग रोड नेशनल हाइवे 325 से होकर कोलर, रणछोड़नगर और लेटा गांव के पास जालोर शहर को चारों ओर से जोड़ते हुए बनाया जाएगा।


प्रोजेक्ट डिजाइन रिपोर्ट की तैयारी


जालोर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया 2 सितंबर से शुरू हो चुकी है, जो 17 सितंबर तक चलेगी। इस प्रक्रिया में चयनित एजेंसी को रिंग रोड की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का कार्य सौंपा जाएगा। इस कार्य की लागत लगभग 80 लाख रुपये होगी, जिसमें भूमि अवाप्ति, फॉरेस्ट क्लियरेंस, विस्तृत डिटेल, रेलवे ओवरब्रिज और प्रोजेक्ट डिजाइन रिपोर्ट शामिल हैं।


एजेंसी का चयन


जालोर रिंग रोड प्रोजेक्ट की बजट स्वीकृति के बाद लगभग एक महीने पहले टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि, उस समय लागत अधिक होने के कारण इसे रिजेक्ट कर दिया गया था। अब इस परियोजना को नए सिरे से आगे बढ़ाया गया है। वर्तमान में चल रही टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद एजेंसी का चयन किया जाएगा, जिसके बाद धरातल पर काम शुरू होने की संभावना है।


33 किलोमीटर लंबा प्रस्तावित रिंग रोड


जालोर जिले में बनने वाला यह पहला रिंग रोड प्रोजेक्ट प्रारंभिक सर्वे में लगभग 33 किलोमीटर लंबा आंका गया है। हालांकि, इसकी अंतिम लंबाई और डिज़ाइन डीपीआर बनने के बाद ही तय होगी। इस परियोजना का कुछ हिस्सा फॉरेस्ट लैंड से होकर गुजरेगा, इसलिए चयनित एजेंसी द्वारा रूट का सर्वेक्षण, विकल्पों की प्रस्तुति और विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। एजेंसी द्वारा दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त रूट का चयन किया जाएगा। इसके बाद भूमि अवाप्ति, फॉरेस्ट क्लियरेंस और रेलवे ओवरब्रिज जैसे आवश्यक कार्यों की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।


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