इस दिवाली व्यापारी भाई इस शुभ मुहूर्त में करें बही-खाता पूजा, साल भर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
Newsindialive Hindi October 21, 2025 02:42 AM

News India Live, Digital Desk: दिवाली का त्योहार सिर्फ घरों में ही नहीं, बल्कि हर व्यापार और प्रतिष्ठान के लिए भी बेहद खास होता है. व्यापारियों के लिए दिवाली एक तरह से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होती है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के साथ-साथ अपने बही-खातों (अकाउंट बुक्स) की पूजा का भी विशेष महत्व है, जिसे चोपड़ा पूजन भी कहा जाता है.मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से बही-खातों की पूजा करने से व्यापार में तरक्की, स्थिरता और मुनाफा बढ़ता है. तो आइए जानते हैं कि इस साल दिवाली, जो कि 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाई जाएगी, उस दिन बही-खाता पूजन का सबसे शुभ समय कौनसा है.दिवाली 2025 पर बही-खाता पूजन का शुभ मुहूर्त (Bahi-Khata Puja Shubh Muhurat)इस साल व्यापारियों के लिए अपने नए बही-खातों की पूजा करने के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. सबसे उत्तम समय प्रदोष काल माना जाता है, जो सूर्यास्त के बाद शुरू होता है.सबसे शुभ मुहूर्त: दिवाली के दिन शाम 4:38 बजे से लेकर शाम 7:38 बजे तक का समय बही-खाता खरीदने और पूजन के लिए बेहद शुभ रहेगा.चौघड़िया के अनुसार मुहूर्त:दोपहर का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): दोपहर 03:44 से शाम 05:46 तक.शाम का मुहूर्त (चर): शाम 05:46 से शाम 07:21 तक.रात का मुहूर्त (लाभ): रात 10:31 से देर रात 12:06 तक.क्यों जरूरी है बही-खाता पूजा?बही-खाता हर व्यापारी के लिए उसकी आय-व्यय का लेखा-जोखा होता है, जो सीधे तौर पर व्यापार की समृद्धि से जुड़ा है. दिवाली के दिन नए बही-खातों की पूजा करके व्यापारी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश से यह प्रार्थना करते हैं कि आने वाला साल उनके लिए लाभ और सफलता लेकर आए. इस पूजा में नए बही-खातों पर रोली-चंदन से स्वास्तिक का चिह्न बनाया जाता है और "शुभ-लाभ" लिखा जाता है.आज के डिजिटल युग में भले ही कई व्यापारी लैपटॉप और कंप्यूटर पर अपना हिसाब रखते हैं, लेकिन इस परंपरा का महत्व कम नहीं हुआ है. लोग अब अपने लैपटॉप या कंप्यूटर की भी पूजा करके इस परंपरा को निभाते हैं. इस शुभ दिन पर सही मुहूर्त में की गई पूजा निश्चित रूप से आपके व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करती है.
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