खून में अशुद्धि बनती है कई बीमारियों की वजह, रक्त शुद्धि के लिए करें इन चीजों का सेवन
Samachar Nama Hindi October 24, 2025 08:42 PM

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। रक्त और कोशिकाएं मिलकर पूरे शरीर को पोषण देती हैं और शरीर के हर अंग को सुचारू रूप से काम करने में मदद करती हैं, लेकिन जब रक्त में अशुद्धियां आ जाएं तो शरीर बीमारियों का घर बन जाता है।

आयुर्वेद में इसे 'रक्तदूषा' कहा जाता है। रक्त अगर दूषित होगा तो उससे शरीर का हर अंग प्रभावित होगा। ऐसे में रक्त को शुद्ध रखना बहुत जरूरी है। हम आपके लिए आपकी किचन में मौजूद ऐसी देसी चीजों की जानकारी लेकर आए हैं, जो रक्त को शुद्ध करने में मदद करेंगी।

सर्दियों का सीजन है और बाजार में आंवला आसानी से मिल जाता है। आंवला में रक्त को साफ करने के गुण होते हैं। इसके लिए सुबह खाली पेट आंवला खाया जा सकता है या उसका चूर्ण बनाकर गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है। इसके अलावा तुलसी हर घर में मौजूद होती है। तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो रक्त को साफ करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके लिए तुलसी की चाय या काढ़ा ले सकते हैं।

नीम एक साधारण पेड़ है, जो कहीं भी मिल जाता है। इसकी पत्तियों से लेकर दातून तक लाभकारी होती हैं, जो शरीर और रक्त दोनों को साफ करती हैं। इसके सेवन के लिए सुबह खाली पेट कुछ नीम की पत्तियों को चबाया जा सकता है।

हल्दी भी हर किचन में मौजूद होती है और रोजाना खाने में उसका सेवन होता है, लेकिन हल्दी सिर्फ घावों को भरने में ही नहीं, बल्कि खून को साफ करने में मदद करती है। हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो शरीर से विषैले पदार्थों को निकालता है।

मंजिष्ठा एक औषधि है, जो आसानी से मिल जाती है। इसकी जड़ को रक्त शोधक कहा जाता है, जो रक्त को साफ करती है और स्किन पर निखार लाती है। मंजिष्ठा को अच्छे और चमकदार बालों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

इसके अलावा त्रिफला चूर्ण भी लाभकारी है। त्रिफला चूर्ण में तीन चीजों का मिश्रण होता है, जिसमें आंवला, हरण और बहेड़ा होता है। ये चूर्ण आंतों को साफ करते हैं और पेट में मौजूद जहरीले पदार्थों का नाश करते हैं। इसे लेने से पाचन शक्ति भी बढ़ती है और खाना अच्छे से पच कर खून में मिलता है।

चिरायता के बारे में सब जानते हैं, इसका टॉनिक और चूर्ण बाजार में आसानी से मिल जाता है। ये स्वाद में कड़वा और कसैला होता है, लेकिन रक्त शुद्धि के लिए बेहतरीन होता है। इसके अलावा गिलोय, गाजर का रस, चुकुंदर का रस और गुड़मार का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

--आईएएनएस

पीएस/वीसी

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