मुझे भारत के लोग और वहां की संस्कृति से बेहद प्यार है: मैरी मिलबेन
Samachar Nama Hindi October 26, 2025 09:42 AM

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका की मशहूर सिंगर मैरी मिलबेन ने 'ओम जय जगदीश हरे' आरती गाकर भारत के लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली। हाल के दिनों में वह भारत के राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा में रहीं। इसकी वजह कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर उनके तरफ से किया गया एक्स पोस्ट है। अमेरिकी सिंगर ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत की।

मैरी मिलबेन ने संगीत के क्षेत्र में अपने करियर को लेकर कहा, "मैं भारतीय पत्रकारिता की बहुत बड़ी फैन हूं। यह पूरी दुनिया के लिए बहुत जरूरी है। संगीत के लिए मेरी रुचि मेरे जीवन के काफी शुरुआत में ही हुई। एक क्रिश्चियन महिला होने के नाते मैं धार्मिक माहौल में बड़ी हुई। मेरी मां ने सिंगल मदर की तरह चार बच्चों को पाला। उन्होंने 20-30 सालों तक मंत्रालय में काम किया। हम चर्च में गाना गाते हुए बड़े हुए। म्यूजिक की शुरुआत स्कूल से नहीं, बल्कि चर्च से हुई। संगीत के प्रति प्यार की वजह से मैंने कॉलेज में भी पढ़ाई की और फिर अपने संगीत के क्षेत्र में ही अपना करियर भी बनाया।"

उन्होंने कहा कि हालांकि, यह मेरी पहली पसंद नहीं थी। मैंने व्हाइट हाउस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में वहां पर सबसे छोटे स्टाफ के तौर पर काम किया। वहां पर मुझे गाने का मौका मिला। वहां से संगीत के क्षेत्र में मेरे करियर की शुरुआत हुई।

मैरी ने बताया कि उन्हें भारत और यहां के लोग काफी पसंद हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई सिक्रेट नहीं है कि मैं भारत और वहां के लोगों से बहुत प्यार करती हूं। मैं भारत के लोगों को अपना परिवार कहने में बहुत ही गर्व महसूस करती हूं। मुझे भारत के संगीत और संस्कृति से बहुत प्यार है।

भारत के साथ अपने लगाव को लेकर मैरी मिलबेन ने कहा, "आप किस कल्चर, धर्म, भाषा और देश से हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। भारत में लोग एक-दूसरे से मानवता से जुड़े हुए हैं। अपने पड़ोसी को प्यार करना, उनका ख्याल रखना, परिवार के सभी सदस्यों से प्यार करना, दयालु होना, ये सभी वैल्यू आपको जोड़कर रखते हैं। इसकी वजह से एक कनेक्शन महसूस हुआ। मेरी मां काफी व्यस्त रहती थी, इस वजह से हमारे घर पर एक महिला थीं, जो हमारा ध्यान रखती थीं। उनका नाम सुनीता पटेल है, और वह भारतीय मूल की हैं। उन्होंने बड़ी बहन की तरह हमारा ध्यान रखा। उन्होंने हमें बड़े होने में काफी मदद की, इस वजह से हम भारतीय संस्कृति से बहुत पहले अवगत हो गए। भारतीय संस्कृति, वहां का खाना, और वहां के संगीत के बारे में मुझे जानने को मिला।"

--आईएएनएस

केके/डीकेपी

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