इंटरव्यू में क्या बोलें, ये सिर्फ 7% ज़रूरी है, तो फिर नौकरी दिलाएगा क्या? जानिए सफलता का 93% वाला सीक्रेट
Newsindialive Hindi November 05, 2025 11:42 PM

News India Live, Digital Desk: किसी भी जॉब इंटरव्यू का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छे लोगों के पसीने छूट जाते हैं. हम कई दिनों तक कंपनी के बारे में पढ़ते हैं, अपने जवाबों को रटते हैं और शीशे के सामने खड़े होकर प्रैक्टिस करते हैं. हमारी सारी मेहनत इस बात पर होती है कि हम इंटरव्यू लेने वाले के सामने 'क्या' बोलेंगे. लेकिन क्या होगा अगर मैं आपसे कहूँ कि आपके शब्द, यानी आप जो बोल रहे हैं, उसका असर सिर्फ 7% होता है?जी हाँ, यह सच है. मनोवैज्ञानिक और कम्युनिकेशन एक्सपर्ट्स सालों से इस बात को मानते आए हैं. नौकरी दिलाने में एक सीक्रेट फॉर्मूला काम करता है, जिसे '7-38-55 फॉर्मूला' कहते हैं. यह फॉर्मूला बताता है कि एक इंटरव्यू में आपकी सफलता किस चीज़ पर कितनी निर्भर करती है.आइए, इस जादुई फॉर्मूले को समझते हैं और जानते हैं कि वो 93% क्या है, जिस पर हम कभी ध्यान ही नहीं देते.क्या है ये '7-38-55 फॉर्मूला'?यह मशहूर मनोवैज्ञानिक अल्बर्ट मेहरबियन का दिया हुआ एक सिद्धांत है, जो बताता है कि जब हम किसी से बात करते हैं, तो हमारे मैसेज का असर कैसे पड़ता है:55% आपकी बॉडी लैंग्वेज (Body Language): यानी आप कैसे बैठते हैं, आपके हाव-भाव कैसे हैं, आप आंखों से संपर्क बना रहे हैं या नहीं.38% आपकी आवाज़ का लहज़ा (Tone of Voice): यानी आप किस तरह से बोल रहे हैं - आपकी आवाज़ का उतार-चढ़ाव, आपकी आवाज़ में आत्मविश्वास है या घबराहट.सिर्फ 7% आपके शब्द (Spoken Words): यानी आप असल में क्या कह रहे हैं.इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि इंटरव्यू लेने वाला आपके जवाबों को सुनने से पहले आपको 'देखता' है. वह आपके आत्मविश्वास, आपके हाव-भाव और आपके बात करने के तरीके से आपके बारे में 93% राय पहले ही बना चुका होता है.तो नौकरी पाने के लिए उस 93% पर काम कैसे करें?1. अपनी बॉडी लैंग्वेज (55%) को सुधारें:सीधे बैठें: कुर्सी पर झुककर या बहुत ज़्यादा तनकर न बैठें. कंधे सीधे रखें. यह आत्मविश्वास का सबसे पहला संकेत है.आई कांटेक्ट (Eye Contact): इंटरव्यू लेने वाले की आंखों में देखकर बात करें. इधर-उधर या नीचे देखने से लगता है कि आप या तो झूठ बोल रहे हैं या आपमें आत्मविश्वास की कमी है.हाथों का सही इस्तेमाल: अपने हाथों को बांधकर या टेबल के नीचे छिपाकर न बैठें. बात करते समय हल्के और सहज हैंड जेस्चर का इस्तेमाल करें. यह आपको ज़्यादा आत्मविश्वासी दिखाता है.चेहरे पर हल्की मुस्कान: घबराए हुए या बहुत ज़्यादा गंभीर दिखने की बजाय, चेहरे पर एक हल्की और स्वाभाविक मुस्कान रखें. यह एक पॉजिटिव माहौल बनाती है.2. अपनी आवाज़ के जादू (38%) को पहचानें:सही गति और आवाज़: न तो बहुत तेज़ी से बोलें और न ही इतना धीरे कि सामने वाले को सुनाई ही न दे. आपकी आवाज़ में एक ठहराव होना चाहिए.उतार-चढ़ाव: एक ही टोन में रोबोट की तरह जवाब न दें. अपनी आवाज़ में ज़रूरत के हिसाब से उतार-चढ़ाव लाएं. यह दिखाता है कि आप अपनी कही हुई बात में रुचि रखते हैं.साफ़ बोलें: घबराहट में शब्द न खाएं. हर शब्द को साफ़-साफ़ बोलें.और उन 7% शब्दों का क्या?इसका मतलब यह नहीं है कि आपके जवाब मायने नहीं रखते. वे बहुत ज़रूरी हैं, वे आपकी नींव हैं. लेकिन सोचिए, अगर आपने दुनिया का सबसे अच्छा जवाब दिया, लेकिन झुके हुए कंधों, घबराई हुई आवाज़ और नीचे ज़मीन की ओर देखते हुए, तो क्या उसका कोई असर होगा? बिलकुल नहीं.असली सफलता का राज़ संतुलन में है. जब आपके बेहतरीन 7% शब्द आपकी 93% पॉजिटिव बॉडी लैंग्वेज और आत्मविश्वासी आवाज़ के साथ मिल जाते हैं, तो आपको नौकरी पाने से कोई नहीं रोक सकता.
© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.