भारत में CNG कारों की मांग तेजी से बढ़ रही है. ज्यादा माइलेज चाहने वाले ज्यादातर लोग CNG कारें ही खरीद लेतें. इन कारों में पेट्रोल-डीजल के मुकाबले अच्छा माइलेज तो मिल जाता है, लेकिन एक जगह बड़ी असुविधा रहती है. कार में CNG भराते वक्त उससे नीचे उतरना पड़ता है. फिर चाहे में उसमें कोई भी बैठा हो. आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है?
इन वजहों से कार से नीचे उतार देता है ड्राइवर1. CNG को 200-250 PSI (पाउंड प्रति वर्ग इंच) भारी दबाव पर भरा जाता है. इस उच्च दबाव के कारण, किसी भी छोटी सी भी रिसाव की स्थिति में बड़ा हादसा हो सकता है.
2. CNG भरवाते समय अगर किसी कारण से गैस लीक हो जाती है, तो अंदर बैठे यात्रियों के लिए जोखिम बढ़ सकता है. बाहर रहने से लोगों के पास जान बचाने का मौका होता है.
3. कार के अंदर रगड़ से स्थैतिक बिजली (static electricity) पैदा हो सकती है. गैस लीक होने की स्थिति में यह छोटी सी चिंगारी आग लगा सकती है.
4. CNG की गंध कुछ लोगों के लिए सिरदर्द, चक्कर या उल्टी का कारण बन सकती है. बाहर रहने से इस तरह की परेशानी से बचा जा सकता है.
5. CNG भरवाते समय, यह चेक करना भी जरूरी है कि टंकी ओवरफिल न किया जाए, क्योंकि इससे दबाव बढ़ सकता है और दुर्घटना हो सकती है. कार से बाहर रहने पर आप इस पर बेहतर नजर रख सकते हैं.
6. कई बार CNG किट बाहरी मैकेनिक से फिट कराई जाती है और भरने वाले को किट की फिटिंग या लीकेज की सही जानकारी नहीं होती, जिससे खतरा और भी बढ़ जाता है.
15 साल पहले आई थीं CNG कारेंमारुति सुजुकी पहली कार कंपनी थी, जिसने पहली फैक्ट्री फिटेड CNG कार लॉन्च की थी. मारुति ने साल 2010 में सबसे पहले ऑल्टो, वैगनआर और ईको जैसी गाड़ियों सीएनजी किट देना शुरू किया था. इससे पहले सिर्फ कोई कंपनी फैक्टरी फिटेड सीएनजी कार नहीं बेचती थी. लोगों को कार खरीदने के बाद मार्केट में ही किट को फिट कराना होता था. हालांकि, अब सीएनजी कारें एडवांस हो गई हैं. अब यह सेफ्टी के मामले में भी बेहतर हो गई हैं. सरकार ने भी तेल पर निर्भरता कम करने और प्रदूषण से निपटने के लिए इस समय CNG को प्रमोट करना शुरू किया था.