जिले की कानून व्यवस्था और पुलिस विभाग की जवाबदेही को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। बाड़मेर कोतवाली में तैनात थानेदार (SI) को जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। यह आदेश जिले के एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बुधवार शाम को जारी किया।
सूत्रों के अनुसार, मामला तब सामने आया जब जिले के एक डॉक्टर के साथ मारपीट की घटना हुई। डॉक्टर ने संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई और FIR (First Information Report) दर्ज की गई। हालांकि, थानेदार द्वारा इस मामले की सही ढंग से और समय पर जांच नहीं की गई, जिससे मामला गंभीर विवाद का रूप ले लिया।
इस मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस विभाग ने तुरंत विभागीय जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि थानेदार ने न केवल लापरवाही दिखाई, बल्कि घटना के संबंध में उपलब्ध प्रमाण और गवाहों की जानकारी को नजरअंदाज किया। विभागीय रिपोर्ट में इस लापरवाही को गंभीर बताया गया और तत्काल कार्रवाई की सिफारिश की गई।
एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने कहा कि पुलिस विभाग में जवाबदेही और समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ कड़े प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे। थानेदार को सस्पेंड करना इसी कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है।
मामले के सार्वजनिक होने के बाद डॉक्टर और स्थानीय लोगों ने इस कदम की सराहना की। उनका कहना है कि पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं निभाएंगे, तो आम जनता का पुलिस और प्रशासन पर विश्वास कमजोर होगा। डॉक्टर ने कहा कि जांच में लापरवाही के कारण उन्हें मानसिक और सामाजिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस विभाग में इस तरह की सख्त कार्रवाई न केवल जवाबदेही बढ़ाती है, बल्कि अन्य अधिकारियों के लिए भी एक संदेश है कि कानून और प्रक्रिया के पालन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा, यह कदम जनता में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास बनाए रखने में मदद करेगा।
बाड़मेर पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि सस्पेंड किए गए थानेदार के स्थान पर अन्य जिम्मेदार अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ताकि जिले में अपराध नियंत्रण और नागरिक सुरक्षा पर किसी प्रकार का प्रभाव न पड़े।
इस घटना ने यह भी दर्शाया कि डॉक्टरों और अन्य संवेदनशील पेशेवरों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा या मारपीट की घटनाओं में कानूनी प्रक्रिया और समय पर जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है। विभाग ने संकेत दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं में शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।