मनरेगा से बदली जिंदगी: हितग्राही को मिला सुरक्षित मवेशी आश्रयस्थल
Udaipur Kiran Hindi December 14, 2025 07:42 AM

कोरबा/जांजगीर-चांपा, 13 दिसंबर (Udaipur Kiran) . महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जनपद पंचायत अकलतरा के ग्राम साजापाली अंतर्गत हितग्राही हेमलाल निर्मलकर के लिए मवेशी आश्रयस्थल निर्माण कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किया गया.

गांव में कृषि एवं पशुपालन प्रमुख आजीविका होने से हितग्राही के मवेशी बरसात के मौसम में खुले एवं कीचड़युक्त स्थान पर बंधे रहते थे, जिससे उन्हें बीमारियों, चोटों और असुरक्षित वातावरण का सामना करना पड़ता था. इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायत द्वारा हितग्राही मूलक कार्य के रूप में मवेशी आश्रयस्थल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई.

कार्य का प्रशासनिक स्वीकृति राशि 0.575 लाख थी, जिसमें मजदूरी एवं सामग्री मद से कुल 0.43 लाख व्यय किया गया. कार्य 17 मार्च 2024 को प्रारंभ होकर 29 जुलाई 2025 को पूर्ण हुआ, जिसमें कुल 39 मानव दिवस सृजित हुए तथा 06 श्रमिक परिवारों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार प्राप्त हुआ, जिसके अंतर्गत 9,399 रुपये का मजदूरी भुगतान किया गया. निर्माण के दौरान स्थल चयन, समतलीकरण तथा बरसाती जल निकासी जैसी चुनौतियाँ सामने आईं, जिनका समाधान तकनीकी दल एवं पंचायत के संयुक्त प्रयासों से किया गया. कार्य के पूर्ण होने के पश्चात हितग्राही के मवेशी सुरक्षित, स्वच्छ एवं व्यवस्थित स्थान पर रखने की सुविधा प्राप्त हुई, जिससे बीमारियों में कमी, चारे की बचत और पशुपालन की उत्पादकता में वृद्धि जैसे लाभ दिखाई दिए. पहले जहाँ मवेशी खुले में कीचड़ और पानी के बीच बंधे रहते थे, वहीं अब स्थायी आश्रयस्थल बनने से उनका रख-रखाव सुगम हो गया है और हितग्राही की आजीविका अधिक स्थिर हुई है.

हितग्राही हेमलाल का कहना है कि मवेशी आश्रयस्थल बनने से उनके मवेशियों को बरसात और सर्दी से सुरक्षा मिली है तथा बीमारियों का खतरा कम हुआ है, जिससे उनका आर्थिक भार कम हुआ है. ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया कि पंचायत किसानों व पशुपालकों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देते हुए ऐसे हितग्राही मूलक कार्यों को बढ़ावा दे रही है. वहीं रोजगार सहायक और तकनीकी सहायक ने कहा कि कार्य का क्रियान्वयन नियमानुसार कर हितग्राही को सभी प्रक्रियाओं की जानकारी देकर समय पर निर्माण पूर्ण कराया गया.

हितग्राही की आजीविका मुख्यतः मवेशी पालन एवं कृषि मजदूरी पर आधारित है. इस आश्रयस्थल निर्माण से उनके मवेशियों की सुरक्षा और देखभाल में सुधार हुआ है, जिससे भविष्य में उनकी आमदनी में वृद्धि की संभावना भी बनी है. मनरेगा योजना के माध्यम से निर्मित यह संपत्ति न केवल हितग्राही के लिए उपयोगी सिद्ध हुई है, बल्कि ग्राम में पशुपालन गतिविधियों को सुरक्षित एवं व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है.

(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी

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