Patna, 16 दिसंबर . बिहार के मुजफ्फरपुर में चार लोगों की आत्महत्या के मामले में अब प्रदेश की सियासत गरमा गई है. जहां बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने Tuesday को मुजफ्फरपुर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की, वहीं राजद ने इस मामले की जांच के लिए पार्टी की एक जांच टीम का गठन किया है.
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश राम ने शिष्टमंडल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की, पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और गहरी संवेदना व्यक्त की. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि माइक्रोफाइनेंस बैंकों के कारण लगातार सूबे में अप्रिय घटनाएं घट रही हैं और Government इस पर लगाम लगाने के बजाय सिर्फ बयानबाजी कर रही है. यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज और Government की नीतिगत विफलताओं का परिणाम है. अत्यधिक गरीबी, बेरोजगारी और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के कर्ज के दबाव ने एक परिवार को इस भयावह कदम के लिए मजबूर कर दिया.
उन्होंने कहा कि राज्य में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को न तो समय पर आर्थिक सहायता मिल रही है और न ही उन्हें शोषण से बचाने की कोई प्रभावी व्यवस्था है. प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने राज्य Government से मांग की है कि पीड़ित परिवार को अविलंब समुचित मुआवजा दिया जाए और जीवित बचे बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी Government उठाए.
बिहार राजद अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि एक दलित परिवार विवश होकर ऐसी घटना को अंजाम दिया. इस तरह की घटना दर्दनाक ही नहीं, बल्कि एक सभ्य समाज के लिए घोर निंदनीय एवं चिंताजनक भी है. इस घटना से दलितों और गरीबों की स्थिति इस प्रदेश में क्या है, Government के तथाकथित विकास के नारे की भी पोल खुल गई है.
राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इस घटना की जांच के लिए पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम की अध्यक्षता में पार्टी की सात सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो 17 दिसंबर को घटनास्थल पर जाएगी और पूरे मामले की जांच करेगी.
बता दें कि मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र में एक पिता ने अपनी तीन बेटियों के साथ गले में फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया. इस घटना में दो बच्चे बच गए. बताया गया कि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी.
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एमएनपी/डीकेपी