मप्र : शीतलहर से बचाव के लिए आवश्यक तैयारियों और जनजागरूकता के लिए एडवाइजरी जारी
Udaipur Kiran Hindi December 18, 2025 09:45 PM

– गर्म कपड़े पहनें, कई परतों में वस्त्र धारण करें, अनावश्यक यात्रा से बचें

– संतुलित आहार व विटामिन-सी युक्त फल-सब्जियों का करें सेवन

भोपाल, 18 दिसम्बर (Udaipur Kiran) . मध्‍य प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण राठी ने शीतलहर से बचाव के लिए समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा मैदानी कर्मियों एवं आम नागरिकों को शीतलहर के लक्षण, बचाव उपाय तथा Do’s & Don’ts के संबंध में जागरूक करने और आवश्यक तैयरियां रखने के निर्देश दिए गए हैं. यह जानकारी गुरुवार को जनसंपर्क अधिकारी अंकुश मिश्रा ने दी.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में माह दिसंबर एवं जनवरी के दौरान शीतलहर का प्रकोप प्रायः देखने को मिलता है. इस अवधि में कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 5–7 डिग्री सेल्सियस अथवा उससे कम दर्ज किया जाता है, जिससे जन-मानस के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है. अत्यधिक ठंड के कारण हाइपोथर्मिया, फ्रॉस्टबाइट जैसी शीतजनित बीमारियाँ तथा विषम परिस्थितियों में मृत्यु की संभावना भी हो सकती है. शीतलहर के दौरान विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजन, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे, हृदय एवं श्वसन रोग से पीड़ित व्यक्ति, बेघर लोग, खुले स्थानों व निर्माण स्थलों पर कार्यरत श्रमिक, सड़क किनारे रहने वाले व्यक्ति एवं छोटे व्यवसायी अत्यधिक संवेदनशील होते हैं.

शीतलहर क्या है

शीतलहर एक मौसम संबंधी घटना है जिसमें न्यूनतम तापमान में अचानक गिरावट आती है, ठंडी हवाएँ चलती हैं तथा पाला या बर्फ जमने जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं.

शीतलहर के दौरान क्या करें (Do’s)

स्थानीय रेडियो, टीवी एवं समाचार पत्रों के माध्यम से मौसम की जानकारी नियमित रूप से लेते रहें. पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें तथा कई परतों में वस्त्र धारण करें. सिर, गर्दन, हाथ एवं पैरों को अच्छी तरह ढकें; टोपी, मफलर एवं मोज़े का प्रयोग करें. वॉटरप्रूफ जूतों का उपयोग करें. गर्म एवं तरल पेय पदार्थ (चाय, सूप आदि) लेते रहें तथा संतुलित आहार व विटामिन-सी युक्त फल-सब्जियों का सेवन करें. ठंडी हवा से बचें, यथासंभव घर के अंदर रहें एवं अनावश्यक यात्रा से बचें. बच्चों, बुजुर्गों, अकेले रहने वाले एवं असहाय व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखें. आवश्यक दवाइयों, ईंधन, पेयजल एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों का पूर्व भंडारण रखें. ठंड से प्रभावित होने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें और निकटस्थ अस्पताल से संपर्क करें.

क्या न करें (Don’ts)

अत्यधिक ठंड में खुले स्थानों पर अनावश्यक समय तक न रहें. गीले कपड़े पहनकर न रहें, तुरंत सूखे कपड़े पहनें. हाइपोथर्मिया से पीड़ित व्यक्ति को मादक पेय पदार्थ न दें. गंभीर ठंड के लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें.

हाइपोथर्मिया एवं फ्रॉस्टबाइट के लक्षण

तेज कंपकंपी, अत्यधिक थकान, भ्रम की स्थिति, बोलने में कठिनाई, नींद आना. हाथ-पैर की उंगलियों, कानों या नाक में सुन्नता, सफेद या पीला पड़ना. शिशुओं में ठंडी, लाल त्वचा एवं ऊर्जा की कमी. हाइपोथर्मिया एक चिकित्सकीय आपात स्थिति है. ऐसे में व्यक्ति को तुरंत गर्म स्थान पर ले जाकर सूखे कंबल से ढकें और शीघ्र अस्पताल पहुँचाएँ.

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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