देशभर में एसआईआर प्रक्रिया का दूसरा चरण चल रहा है. बिहार के बाद देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR 28 अक्टूबर से शुरू हुआ था. इसके जरिए इन 12 राज्यों की वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम किया जा रहा है. यह एक चुनावी प्रक्रिया है. इसमें वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाता है. तमिलनाडु में एसआईआर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसके बाद यहां से करीब 97.4 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अर्चना पटनायक ने बताया कि अब राज्य में कुल 5.43 करोड़ मतदाता हैं. SIR से पहले राज्य में वोटर्स की संख्या 6.41 करोड़ थी. राज्य में अब 2.66 करोड़ पुरुष, 2.77 करोड़ महिलाएं और 7,191 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं. चेन्नई में सबसे ज्यादा 14.25 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए हैं. पहले यहां 40.04 लाख वोटर्स थे अब 25.79 लाख रह गए हैं.
एसआईआर की प्रक्रिया का गणना का चरण 14 दिसंबर को समाप्त हो गया था. इसके बाद अब चुनाव आयोग ने संशोधित सूची जारी कर दी है. जिला निर्वाचन अधिकारियों ने मसौदा सूची जारी कर पंजीकृत राजनीतिक दलों को इसका विवरण सौंप दिया है.
हर राज्य से लाखों की संख्या में कम हो रहे नामएसआईआर प्रक्रिया के तहत ऐसे नामों को हटा दिया जाता है, जो या मृत हो चुके हैं या फिर उन्होंने वो राज्य छोड़ दिया हो. गुजरात की जारी नई SIR लिस्ट में 73.73 लाख से ज्यादा वोटर्स के नाम कम हुए हैं. पश्चिम बंगाल की नई मतदाता सूची 58.20 लाख नाम काटे गए हैं. ऐसा अनुमान है कि मध्य प्रदेश में भी 25 लाख लोगों के नाम काटे जा सकते हैं.
यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया- बीजेपी अध्यक्षभारतीय जनता पार्टी के तमिलनाडु के अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सक्रिय भागीदारी के बावजूद वह मतदाता सूचियों की जारी एसआईआर प्रक्रिया की आलोचना कर रही है.
उन्होंने कहा कि अगर द्रमुक वाकई इसका विरोध करती है, तो वे इसका बहिष्कार कर सकते थे. इसके बजाय, उन्होंने प्रक्रिया में भाग लेना चुना और बाद में राजनीतिक कारणों से इसकी आलोचना की. लोकतंत्र में ऐसा बचकाना व्यवहार स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया थी जो सही समय पर आयोजित की गई थी.