सीरिया में ISIS के अड्डों पर अमेरिका की एयर स्ट्राइक, 70 ठिकानों को बनाया निशाना
TV9 Bharatvarsh December 20, 2025 11:43 AM

सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ अमेरिका ने सैन्य अभियान शुरू कर दिया है. अमेरिकी सैनिकों और एक अमेरिकी नागरिक की मौत के बाद ट्रंप प्रशासन ने बदले की कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किया. इस पर अमेरिका ने साफ-साफ कहा कि यह कोई युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि अपने नागरिकों की हत्या का बदला है.

एक अमेरिकी अधिकारी ने इसे बड़े पैमाने पर हमला बताया, जिसमें मध्य सीरिया के उन इलाकों में 70 ठिकानों को निशाना बनाया गया जहां आईएस का ढांचा और हथियार मौजूद थे. एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अभी और भी हमले होने की उम्मीद है.

‘यह किसी युद्ध की शुरुआत नहीं’

अधिकारियों ने बताया कि हमले में एफ-15 ईगल जेट, ए-10 थंडरबोल्ट ग्राउंड अटैक विमान और एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया. एक अधिकारी ने बताया कि जॉर्डन से एफ-16 लड़ाकू जेट और हिमर्स रॉकेट तोपखाने का भी इस्तेमाल किया गया. रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह किसी युद्ध की शुरुआत नहीं है, बल्कि प्रतिशोध की घोषणा है. राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका अपने लोगों की रक्षा करने में कभी संकोच नहीं करेगा और कभी पीछे नहीं हटेगा.

कड़ी जवाबी कार्रवाई करने का वादा

सीरियाई रेगिस्तान में हुई गोलीबारी के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया था, जिसके लिए उन्होंने आईएस को दोषी ठहराया था. ये सैनिक उन सैकड़ों अमेरिकी सैनिकों में शामिल थे, जिन्हें आतंकवादी समूह से लड़ रहे गठबंधन के हिस्से के रूप में पूर्वी सीरिया में तैनात किया गया था.

ट्रंप ने आतंकवादियों को दी चेतावनी

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि ये हमले आईएस के गढ़ों को निशाना बना रहे थे. उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शारा के प्रति अपना समर्थन दोहराया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि वे आतंकवादी समूह को निशाना बनाने के अमेरिकी प्रयासों का पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं. ट्रंप ने धमकी भी दी, जिसमें उन्होंने समूह को अमेरिकी कर्मियों पर दोबारा हमला न करने की चेतावनी दी.

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि सभी आतंकवादी जो अमेरिकियों पर हमला करने की हिम्मत करते हैं, उन्हें चेतावनी दी जाती है – यदि आप किसी भी तरह से अमेरिका पर हमला करते हैं या उसे धमकी देते हैं, तो आपको पहले से कहीं अधिक करारा जवाब मिलेगा. यह हमला एक साल पहले निरंकुश नेता बशर असद को सत्ता से हटाने के बाद से अमेरिका और सीरिया के बीच सुधरते संबंधों के लिए एक बड़ी परीक्षा थी.

ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया है कि सीरिया अमेरिकी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ रहा था. उन्होंने कहा कि अल-शारा इस हमले से बेहद नाराज और परेशान है, जो ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी सेना सीरियाई सुरक्षा बलों के साथ अपना सहयोग बढ़ा रही है.

US President Donald J Trump posts, “Because of ISISs vicious killing of brave American Patriots in Syria, whose beautiful souls I welcomed home to American soil earlier this week in a very dignified ceremony, I am hereby announcing that the United States is inflicting very pic.twitter.com/mpc1NpZ9Bt

— ANI (@ANI)

अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की जरुरत

अमेरिकी हमलों के बाद सीरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पिछले हफ्ते हुए हमले से आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता उजागर होती है. उन्होंने कहा कि सीरिया आईएसआईएस से लड़ने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सीरियाई धरती पर उसे कोई सुरक्षित ठिकाना न मिले और जहां भी वह खतरा पैदा करता है, उसके खिलाफ सैन्य अभियान तेज करता रहेगा.

अमेरिकी सैनिकों पर हुए हमले की जिम्मेदारी

आईएस ने अमेरिकी सैनिकों पर हुए हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन उसने सीरियाई सुरक्षा बलों पर हुए दो हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिनमें से एक में इदलिब प्रांत में चार सीरियाई सैनिक मारे गए थे. अपने बयानों में आईएस ने अल-शरा की सरकार और सेना को धर्मत्यागी बताया है. हालांकि अल-शरा ने कभी अल-कायदा से जुड़े एक समूह का नेतृत्व किया था, लेकिन आईएस के साथ उसकी लंबे समय से दुश्मनी रही है.

हथियारों के अड्डों को बनाया निशाना

सीरियाई सरकारी टेलीविजन ने बताया कि अमेरिकी हमलों में दीर एज़-ज़ोर और रक्का प्रांतों के ग्रामीण इलाकों और पल्मायरा के पास जबल अल-अमौर क्षेत्र में स्थित ठिकानों को निशाना बनाया गया. इसमें कहा गया कि ये हमले आईएसआईएस द्वारा क्षेत्र में अपने अभियानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार भंडारण स्थलों और मुख्यालयों को निशाना बनाकर किए गए थे. इस हफ्ते ट्रंप ने डेलावेयर के डोवर वायु सेना अड्डे पर शहीद अमेरिकी सैनिकों के परिवारों से निजी तौर पर मुलाकात की, जिसके बाद वे शीर्ष सैन्य अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ हवाई अड्डे पर अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

अमेरिकी सेना के अनुसार, पिछले शनिवार को सीरिया में शहीद हुए गार्ड्समैन में सार्जेंट एडगर ब्रायन टोरेस-टोवर (25), डेस मोइनेस निवासी और सार्जेंट विलियम नथानिएल हॉवर्ड (29), मार्शलटाउन निवासी शामिल थे. मैकोम्ब, मिशिगन निवासी अयाद मंसूर सकात, जो एक ट्रांसलेटर के रूप में काम करने वाले अमेरिकी नागरिक थे, वो भी मारे गए. लगभग एक हफ्ते पहले ऐतिहासिक शहर पल्मायरा के पास हुई गोलीबारी में तीन अन्य अमेरिकी सैनिक और सीरियाई सुरक्षा बलों के सदस्य भी घायल हो गए थे, और हमलावर मारा गया था.

सीरियाई गार्डों से झड़प के बाद गोलीबारी

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नूर अल-दीन अल-बाबा ने बताया कि हमलावर दो महीने पहले सीरिया के आंतरिक सुरक्षा बलों में बेस सुरक्षा गार्ड के रूप में शामिल हुआ था और हाल ही में आईएस से जुड़े होने के संदेह के कारण उसका तबादला कर दिया गया था. हमलावर अमेरिकी और सीरियाई सुरक्षा अधिकारियों की एक बैठक में घुस गया, जो एक साथ दोपहर का भोजन कर रहे थे, और सीरियाई गार्डों से झड़प के बाद उसने गोलीबारी शुरू कर दी.

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