मखाना: स्वास्थ्य के लिए एक अनमोल आहार
newzfatafat December 21, 2025 06:42 PM

लखनऊ। मखाना, जो वजन में हल्का होता है, इसके स्वास्थ्य लाभ अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है, और इसे सर्दी-गर्मी दोनों मौसम में खाया जा सकता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल, फैट और सोडियम की मात्रा कम होती है, जबकि मैग्नेशियम, कैल्शियम, कार्ब्स और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इसके अलावा, मखाना ग्लूटेन मुक्त होता है।

आयुर्वेद के विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रोजाना 4 से 5 मखाने खाली पेट खाए जाएं, तो यह शरीर को कई लाभ पहुंचाते हैं। सर्दियों में सूखे मेवों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन मखाने की मांग में कमी आ रही है, जिसका मुख्य कारण इसके गुणों की जानकारी का अभाव है। मखाना की प्रजाति कमल के समान होती है, लेकिन इसके पौधे अत्यधिक कांटेदार होते हैं, जिससे कोई जानवर जलाशय में नहीं जाता। इसे तालाबों, नदियों और खेतों में उगाया जा सकता है।

मखाने की खेती मुख्य रूप से मिथिलांचल क्षेत्र में होती है। बिहार को मिथिलांचल की पहचान के लिए जाना जाता है, जहाँ इसे 'पग-पग पोखरि माछ मखान' के रूप में जाना जाता है। बिहार के दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया सहित 10 जिलों में मखाने की खेती होती है। देश में मखाने का 80 प्रतिशत उत्पादन बिहार से होता है, जबकि असम, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में भी इसकी खेती होती है। हाल के दिनों में अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने 'स्वर्ण वैदेही' नामक नई प्रजाति विकसित की है, जिसे खेतों में भी उगाया जा रहा है।

मखाना को देवताओं का भोजन माना जाता है। यह जन्म, मृत्यु, शादी, गोदभराई, व्रत-उपवास और यज्ञ में विशेष महत्व रखता है। इसे ऑर्गेनिक हर्बल भी कहा जाता है, क्योंकि इसे बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशक के उगाया जाता है। मखाने से कई औषधियाँ बनाई जाती हैं। मखाना बनाने के लिए इसके बीजों को फल से अलग कर धूप में सुखाया जाता है। फिर इन्हें बड़े कढ़ावों में सेंका जाता है। गर्म बीजों को हाथ से उठाकर ठोस जगह पर रखकर लकड़ी के हथोड़ों से पीटा जाता है, जिससे बीजों का कड़क खोल तेजी से फटता है और मखाना बनता है।

औषधीय उपयोग और स्वास्थ्य लाभ

मखाना किडनी और दिल की सेहत के लिए लाभकारी है। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है, जिससे जोड़ों के दर्द, विशेषकर आर्थराइटिस के मरीजों को लाभ होता है। इसके सेवन से तनाव कम होता है और नींद में सुधार होता है। रात में दूध के साथ मखाने का सेवन करने से नींद न आने की समस्या दूर होती है। नियमित मखाना खाने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह शरीर के अंगों को सुन्न होने से बचाता है और घुटनों तथा कमर में दर्द को रोकता है। गर्भवती महिलाओं और प्रसव के बाद कमजोरी महसूस करने वाली महिलाओं को मखाना खाना चाहिए। मखाना को दूध में मिलाकर खाने से जलन में आराम मिलता है। मखाने में मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, मिनरल और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व कामोत्तेजक को बढ़ाने में मदद करते हैं और शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या को भी सुधारते हैं।


© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.