New Delhi, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) . दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है. इसके मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने मंगलवार को सख्त कदम उठाते हुए 6 थर्मल पावर प्लांट्स को कारण बताओ नोटिस भेजा है. इन सभी प्लांट्स पर जुर्माना भी लगाया गया है.
सीएक्यूएम ने एक बयान में बताया कि इन पावर प्लांट्स में फसल अवशेष (पराली) से बने बायोमास पेलेट/ब्रिकेट को कोयले के साथ जलाने के नियमों का सही से पालन नहीं किया गया. जबकि नियमों के अनुसार कोयला आधारित पावर प्लांट्स को कम से कम 5 प्रतिशत बायोमास कोयले के साथ मिलाकर जलाना जरूरी है.
2024–25 के लिए कम से कम 3 प्रतिशत बायोमास इस्तेमाल करना अनिवार्य था, ताकि जुर्माना न लगे
लेकिन 6 पावर प्लांट्स तय सीमा से काफी कम बायोमास इस्तेमाल कर रहे थे.
इन पावर प्लांट्स में तलवंडी साबो पावर (Punjab) जिसपर लगभग 33.02 करोड़
रुपये, पानीपत थर्मल पावर स्टेशन (Haryana) पर लगभग 8.98 करोड़
रुपये, दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर स्टेशन (Haryana) पर लगभग 6.69 करोड़ रुपये,
राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट (Haryana) पर लगभग 5.55 करोड़
रुपये, गुरु हरगोबिंद थर्मल पावर प्लांट (Punjab) पर लगभग 4.87 करोड़
रुपये, हरदुआगंज थर्मल पावर स्टेशन (Uttar Pradesh) पर लगभग 2.74 करोड़
रुपये जुर्माना लगाया गया.
कुल मिलाकर जुर्माने की राशि
करीब 61.85 करोड़ रुपये की है.
सीएक्यूएम ने बताया कि इस कार्रवाई का मकसद पराली जलाने की समस्या को कम करना, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण घटाना, किसानों की पराली का सही उपयोग करना है.
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी