31 दिसंबर तक नहीं भरा संशोधित ITR तो करदाताओं के पास क्या रहेंगे विकल्प? जानें
et December 24, 2025 11:42 AM
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार अभी तक जिन (सेक्शन 139(4) के अंतर्गत ) फाइल नहीं किया है उनके पास 31 दिसंबर 2025 तक का समय है। इसके अलावा जिन करदाताओं ने रिफंड के दावों में गलत जानकारियों को आयकर विभाग के द्वारा ईमेल या एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जा रहा है। उन करदाताओं के लिए भी संशोधित रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई है। यदि करदाता 31 दिसंबर तक भी रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो क्या होगा? 31 दिसंबर 2025 के बाद रिवाइज नहीं होगा आईटीआर जो भी करदाता अपना आईटीआर रिवाइज करना चाहते हैं वे 31 दिसंबर 2025 तक कर ले, क्योंकि इसके बाद इनकम टैक्स रिटर्न रिवाइज नहीं किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए 31 दिसंबर 2025 रिवाइज रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि के बाद न तो देरी से रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे। करदाताओं के पास क्या है विकल्प? करदाताओं के पास अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) फाइल करने का विकल्प होता है। इसे एसेसमेंट ईयर के खत्म होने के 48 महीना के अंदर भरा जा सकता है। लेकिन करदाताओं को इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए कि उन्हें पेनल्टी का भुगतान करना पड़ेगा। यदि 24 महीने के अंदर (31 दिसंबर 2026) आईटीआर फाइल किया जाता है तो 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। 24 महीने का समय बीत जाने के बाद 50% अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा। लेकिन इसका नुकसान यह है कि करदाता रिफंड का क्लेम नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा लॉस भी कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता।
31 दिसंबर के बाद वैसे तो रिटर्न रिवाइज नहीं किया जा सकता है लेकिन यदि करदाताओं के द्वारा माफी के लिए एप्लीकेशन दी जाती है और वह मंजूर हो जाती है तो व्यक्ति अपडेटेड रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकता है। हालांकि ऐसा बहुत कम मामलों में ही देखा जाता।
यदि आपने अभी तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल नहीं किया है तो 31 दिसंबर की डेडलाइन खत्म होने में अभी भी कुछ दिन बाकी है। यादी आप इस डेट से भी चूक जाते हैं तो ब्याज और पेनाल्टी के साथ आपको नुकसान को कैरी फॉरवर्ड नहीं करने जैसे नुकसान का भी सामना करना पड़ेगा।