News India Live, Digital Desk : हमारे भारत में बच्चों का मतलब ही 'दूध' मान लिया जाता है। जैसे ही बच्चा थोड़ा बड़ा होता है, मां-बाप के पीछे-पीछे गिलास लेकर दौड़ने लगते हैं। हमें बचपन से सिखाया गया है कि बेटा जितना ज़्यादा दूध पीओगे, उतनी जल्दी लंबे और बलवान बनोगे। लेकिन क्या वाकई दूध की कोई लिमिट नहीं होनी चाहिए?आजकल के पेरेंट्स इस बात को लेकर काफी उलझन में रहते हैं कि बच्चे को दिनभर में कितना दूध देना सही है। सच तो ये है कि दूध पौष्टिक ज़रूर है, लेकिन इसकी अति फायदे की जगह नुकसान भी पहुँचा सकती है। चलिए आज बिल्कुल सरल भाषा में समझते हैं कि असल में गणित क्या है।एक दिन में कितना दूध है काफी?पोषण विशेषज्ञों की मानें तो हर उम्र के बच्चे की ज़रूरत अलग होती है।1 से 2 साल के बच्चे: इन्हें दिनभर में करीब 2 से 3 छोटे कप (लगभग 400-500 मिलीलीटर) दूध की ज़रूरत होती है। इस उम्र में बहुत ज़्यादा दूध देने से बच्चा खाना खाना कम कर देता है।2 से 8 साल के बच्चे: इनके लिए भी 2 गिलास (लगभग 500 मिलीलीटर) काफी है।9 साल से बड़े बच्चे: इन्हें थोड़ा ज़्यादा यानी 2.5 से 3 गिलास दूध दिया जा सकता है क्योंकि इनकी ग्रोथ तेज़ी से हो रही होती है।दूध पिलाने का 'सही समय' क्या है?यह एक ऐसा सवाल है जो हर घर में बहस का मुद्दा रहता है। कोई कहता है सुबह पिलाओ एनर्जी मिलेगी, तो कोई कहता है रात को पिलाओ।सुबह का समय: अगर आपका बच्चा एक्टिव है और उसे सुबह दूध पच जाता है, तो नाश्ते के साथ दूध देना अच्छा है। लेकिन ध्यान रहे, सिर्फ दूध पीकर स्कूल न भेजें, साथ में ठोस नाश्ता भी दें।रात का समय (बेस्ट चॉइस): विज्ञान की मानें तो रात को सोने से पहले हल्का गुनगुना दूध पीना सबसे अच्छा होता है। इससे नींद अच्छी आती है और रात के वक्त शरीर कैल्शियम को बेहतर तरीके से सोख (absorb) पाता है। बस याद रहे कि दूध में बहुत ज़्यादा चीनी न हो।ज़्यादा दूध पिलाने से क्या दिक्कत हो सकती है?अक्सर देखा गया है कि जो बच्चे दिनभर दूध पीते रहते हैं, उन्हें एनीमिया (खून की कमी) की शिकायत होने लगती है। इसका कारण यह है कि दूध पेट तो भर देता है, लेकिन उसमें आयरन (Iron) नहीं होता। पेट भरा होने के कारण बच्चा दाल-सब्ज़ी नहीं खाता, जिससे शरीर को आयरन नहीं मिल पाता। इसके अलावा, ज़्यादा दूध से कब्ज़ (constipation) की समस्या भी हो सकती है।पेरेंट्स के लिए छोटी सी सलाहदूध को बच्चे की डाइट का एक हिस्सा मानें, पूरी डाइट नहीं। अगर आपका बच्चा दूध पीने में बहुत नखरे करता है, तो उसे दही, पनीर या चीज़ जैसे विकल्पों के ज़रिए कैल्शियम दे सकते हैं। ज़बरदस्ती दूध पिलाना बच्चे के मन में खाने के प्रति चिड़चिड़ापन पैदा कर सकता है।