लखनऊ में गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों के बलिदान दिवस 'वीर बाल दिवस' और गुरु तेग बहादुर जी महाराज की 350वीं शहादत स्मृति के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों के लिए आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी को सिख गुरुओं के बलिदान, साहस और देशभक्ति की भावना से परिचित कराना था। गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों, बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की पावन स्मृतियों को याद किया गया। इनके अदम्य साहस और त्याग की कहानियाँ आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
साथ ही, कार्यक्रम में गुरु तेग बहादुर जी महाराज की 350वीं शहादत का भी स्मरण किया गया। गुरु तेग बहादुर जी ने अपने जीवन में सिख धर्म और मानवीय अधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने उनकी शहादत को याद करते हुए उनके योगदान को सम्मानित किया।
बच्चों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में उनकी प्रतिभा और रचनात्मकता को प्रोत्साहित किया गया। विजयी बच्चों को पुरस्कार देकर उनके प्रयासों की सराहना की गई। यह पहल युवा पीढ़ी में इतिहास और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें अपने मूल्यों से जोड़ने का एक प्रयास माना जा रहा है।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने इस तरह के आयोजन को सकारात्मक रूप में देखा, जो सिख धर्म की विरासत और भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद रखने का अवसर प्रदान करता है। ऐसे कार्यक्रम समाज में बहुसांस्कृतिक समझ और इतिहास के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा देते हैं।
इस तरह, लखनऊ में आयोजित यह समारोह न केवल वीर बाल दिवस और गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को याद करने का अवसर था, बल्कि युवा पीढ़ी को साहस, त्याग और नैतिक मूल्यों के महत्व से परिचित कराने का भी एक मंच साबित हुआ।