उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बढ़ते ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने वाली बड़ी परियोजना का रास्ता साफ हो गया है. पॉलीटेक्निक चौराहे से किसान पथ तक 8.1 किलोमीटर लंबी छह लेन एलिवेटेड रोड बनाने के पहले चरण की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को IIT रुड़की ने फाइनल कर दिया है. संशोधित DPR शासन को सौंप दी गई है, जिसमें पहले चरण की लागत करीब 1295 करोड़ रुपये आंकी गई है.
कुल परियोजना पर अनुमानित खर्च 1982 करोड़ रुपये होगा. यह एलिवेटेड रोड दो चरणों में बनेगा, जिसमें पहला चरण पॉलिटेक्निक से चिनहट तक 3.8 किमी का होगा, जबकि दूसरा चरण चिनहट से किसान पथ तक ( 3.8 से 8.1 किमी) होगा. कंसल्टेंट की ओर से तैयार DPR में कुछ खामियां थीं, जिन्हें IIT रुड़की के विशेषज्ञों ने दूर कर संशोधित रिपोर्ट तैयार की. PWD सूत्रों के अनुसार, दूसरे चरण की DPR का परीक्षण भी जल्द पूरा हो जाएगा.
बेहतर होगी ट्रैफिक व्यवस्थाछह लेन एलिवेटेड रोड बनने से ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी. इस परियोजना से सबसे ज्यादा फायदा गोमती नगर, इंदिरा नगर, मुंशी पुलिया, निशातगंज, कालीदास मार्ग जैसे व्यस्त इलाकों से गुजरने वाले वाहनों को मिलेगी. उनकी यात्रा बेहद सुगम हो जाएगी. इसके अलावा , एलिवेटेड रोड़ से बाराबंकी, अयोध्या, गोरखपुर, सुल्तानपुर और गोंडा की ओर से लखनऊ आने वाले वाहनों को सीधा फायदा मिलेगा.
एलिवेटेड से समय की होगी बचतहाईकोर्ट, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों और कमर्शियल एरिया जाने वालों को भी जाम की समस्या से राहत मिलेगी. वर्तमान में पॉलीटेक्निक चौराहा और गोमती नगर जैसे क्षेत्रों में रोजाना भारी जाम लगता है, जिससे घंटों का समय बर्बाद होता है. इस एलिवेटेड रोड से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा. किसान पथ से बेहतर कनेक्टिविटी एलिवेटेड रोड सीधे किसान पथ (लखनऊ आउटर रिंग रोड) से जुड़ेगी.
इससे शहर के बाहर जाने वाले वाहन बिना शहर में घुसे सीधे हाईवे पर निकल सकेंगे. किसान पथ पहले से ही कई जिलों को जोड़ता है और यह परियोजना इसे और मजबूत बनाएगी. यह परियोजना लखनऊ को जाम-मुक्त और तेज कनेक्टिविटी वाली स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. DPR फाइनल होने के बाद टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है. शहरवासियों को अब इस मेगा प्रोजेक्ट का इंतजार है, जो रोजाना की यात्रा को आसान और तेज बनाएगा.