विपक्ष फैला रहा भ्रम, मोदी सरकार ने मजदूर और गांव दोनों को किया सशक्त : शिवराज सिंह
Udaipur Kiran Hindi December 28, 2025 10:42 AM

New Delhi, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) .

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्रामीण रोजगार, ग्राम पंचायत के अधिकार और मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम पूरी तरह तथ्यों से परे और भ्रामक है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने विकसित भारत- जी राम जी योजना के माध्यम से ग्रामीण भारत और मजदूरों के अधिकारों को पहले से अधिक मजबूत किया है, न कि कमजोर. शिवराज सिंह ने कड़े शब्दों में कहा कि कांग्रेस के राज में तो मनरेगा योजना भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी थी और अब हम पूरी पारदर्शिता के साथ विकसित भारत- जी राम जी योजना लाए हैं, जिससे देशभर के मजदूरों को वास्तविक लाभ मिलेगा.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने Saturday को विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कांग्रेस का शोर सिर्फ राजनीतिक हैI कांग्रेस के पास न नीयत थी, न नीति. यह वही कांग्रेस है, जिसने चुनावी फ़ायदे के लिए महात्मा गांधी जी का नाम जोड़ा. यह वही कांग्रेस है, जिसने समय-समय पर मनरेगा का बजट कम किया. यह वही कांग्रेस है, जिसने मजदूरी फ्रिज की, और आज कांग्रेसी घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी सरकार ने मांग-आधारित रोजगार को कम नहीं बल्कि और मजबूत किया है.

उनके अनुसार, वीबी-जी राम जी अधिनियम के तहत ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों की जगह 125 दिनों की वैधानिक रोजगार-गारंटी दी जा रही है, जिससे मजदूरों को अधिक दिन का सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित होगा.

शिवराज सिंह ने कहा कि जो भी ग्रामीण परिवार काम की मांग करेगा, उस स्थिति में सरकार पर वैधानिक जिम्मेदारी रहेगी कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर काम उपलब्ध कराया जाए. यदि तय समय में काम नहीं मिलता, तो अनिवार्य रूप से बेरोज़गारी भत्ता भुगतान का स्पष्ट प्रावधान किया गया है, और यदि काम मिलने के बाद समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं होता, तो विलंबित मजदूरी भुगतान यानी देरी पर अतिरिक्त भुगतान की व्यवस्था की गई है.

शिवराज ने कहा कि विपक्ष यह कहकर जनता को गुमराह कर रहा है कि रोजगार सुरक्षा कम की जा रही है, जबकि अधिनियम के प्रावधान स्पष्ट दिखाते हैं कि रोजगार सुरक्षा को घटाया नहीं, बल्कि और बढ़ाया गया है. 125 दिन की गारंटी, बेरोज़गारी भत्ता और विलंबित भुगतान जैसी व्यवस्था मजदूरों के अधिकार को पहले से कहीं अधिक सशक्त बनाती है. ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की शक्तियों पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब देते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि यह कहना कि ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के अधिकार कमजोर किए जा रहे हैं, पूरी तरह निराधार है. वीबी-जी राम जी अधिनियम में ग्राम सभा, ग्राम पंचायत और स्थानीय समुदाय की भूमिका को योजना, अनुमोदन, निगरानी और सामाजिक अंकेक्षण में और मजबूत किया गया है.

शिवराज सिंह ने कहा कि सरकार का उद्देश्य मजदूरों को खैरात नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और स्थायी आजीविका देना है. वीबी-जी राम जी अधिनियम के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि समय पर, उनके ही गाँव में काम उपलब्ध हो, सम्मानजनक मजदूरी मिले, कार्य परिस्थितियां सुरक्षित हों और मजदूरी का भुगतान समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से हो. उन्होंने कहा कि मजदूरों के गांव का समग्र विकास, स्वच्छ, समृद्ध और विकसित गांव का निर्माण तथा परिसंपत्तियों और आजीविका-संबंधी कार्यों से ग्रामीण परिवारों की आय में स्थायी सुधार इस पूरी व्यवस्था के केंद्र में है. उन्होंने दोहराया कि मजदूरों का अधिकार- सम्मान के साथ, सुरक्षा के साथ, और गारंटी के साथ- यही सरकार की प्रतिबद्धता है.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह राजनीतिक और निराधार है. उनके अनुसार, वीबी-जी राम जी अधिनियम की मूल भावना गांधीजी के उन सिद्धांतों पर आधारित है, जिन्हें उन्होंने भारत के ग्रामीण भविष्य के लिए बताया था- ग्राम आधारित विकास, ग्राम स्वराज, आत्मनिर्भरता, श्रम का सम्मान और जनभागीदारी के साथ सामाजिक जवाबदेही.

उन्होंने कहा कि यह अधिनियम गांधीजी के “ग्राम स्वराज” की भावना को व्यवहार में उतारने का एक सशक्त कदम है, जहां गांव सशक्त हों, मजदूर सम्मानित हों और विकास स्थायी हो. यही सरकार की स्पष्ट प्रतिबद्धता है- मजदूरों का सशक्तीकरण और ग्रामीण भारत का समग्र विकास.

—————

(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.