बांग्लादेश चुनाव से पहले छात्रों की NCP में फूट, जमात से गठबंधन पर मचा बवाल
TV9 Bharatvarsh December 28, 2025 11:42 PM

बांग्लादेश में फरवरी में होने वाले आम चुनाव से पहले छात्रों द्वारा बनाई गई नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) में बड़ी फूट सामने आई है. जमात-ए-इस्लामी के साथ संभावित गठबंधन को लेकर पार्टी में विरोध हो रहा है. NCP के 30 नेताओं ने जॉइंट लेटर लिखकर इस फैसले का विरोध किया है, जबकि पार्टी की दो सीनियर महिला नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है.

NCP की जड़ें स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) नाम के छात्र संगठन से जुड़ी हैं. इसी संगठन ने पिछले साल हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार गिर गई थी. इस साल फरवरी में NCP को एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर खड़ा किया गया.

जमात से गठबंधन का विरोध क्यों?

NCP में विरोध की शुरुआत पार्टी के जॉइंंट सेक्रेटरी मुशफिक उस सालेहीन ने की. उन्होंने बताया कि पार्टी संयोजक नाहिद इस्लाम को एक ज्ञापन सौंपा गया है. इसमें साफ कहा गया है कि जमात-ए-इस्लामी से गठबंधन करना NCP की विचारधारा और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. इसमें जमात के पुराने इतिहास पर भी सवाल उठाए गए हैं. खासकर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान जमात की भूमिका, स्वतंत्रता के विरोध, नरसंहार और युद्ध अपराधों में कथित सहयोग को बांग्लादेश की लोकतांत्रिक सोच से मेल न खाने वाला बताया गया है.

ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि जमात की स्टूडेंट विंग छात्र शिबिर ने हाल के समय में दूसरी पार्टियों में घुसपैठ कर NCP को बदनाम करने, गलत जानकारी फैलाने और हिंसक घटनाओं का दोष NCP पर डालने की कोशिश की है. नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जमात से गठबंधन हुआ तो पार्टी की साख गिरेगी और जनता का भरोसा टूटेगा.

गठबंधन पर NCP का क्या कहना है?

अब तक NCP ने गठबंधन पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी अगले एक-दो दिन में जमात के साथ सीट बंटवारे पर फैसला ले सकती है. वहीं जमात के महासचिव मिया गोलाम परवर ने कहा है कि बातचीत जारी है और जल्द स्थिति साफ हो जाएगी.

इससे पहले NCP और BNP के बीच भी गठबंधन की कोशिश हुई थी, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई. बदले हालात में BNP सबसे मजबूत दल बनकर उभरी है, जबकि कभी उसका सहयोगी रही जमात अब उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानी जा रही है. पूर्व PM हसीना की पार्टी अवामी लीग पर चुनाव लड़ने से बैन लग चुका है.

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