पाकिस्तान की गठबंधन सरकार ने एक बार फिर संसद में विवादास्पद संविधान संशोधन विधेयक को नहीं किया पेश
Richa Srivastava September 16, 2024 10:27 PM

इस्लामाबाद . पाक की गठबंधन गवर्नमेंट ने एक बार फिर संसद में विवादास्पद संविधान संशोधन विधेयक को पेश नहीं किया. ऐसा साफ तौर पर इसे पारित कराने के लिए जरूरी संख्याबल की कमी के कारण हुआ. संशोधनों का विवरण अभी भी रहस्य बना हुआ है, क्योंकि गवर्नमेंट ने आधिकारिक तौर पर इसे मीडिया के साथ साझा नहीं किया है या सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं की है. अब तक जो रिपोर्ट मिली है, उससे पता चलता है कि गवर्नमेंट न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने और सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल तय करने की योजना बना रही है. 

सत्तारूढ़ पाक मुसलमान लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सीनेटर इरफान सिद्दीकी ने मीडिया को कहा कि संशोधन विधेयक सोमवार को संसद में पेश नहीं किया जाएगा. सिद्दीकी ने जियो न्यूज से बोला कि सोमवार को दोनों सदनों का सत्र ‘‘स्थगित’’ रहेगा और ‘‘अगली बार यह तब बुलाया जाएगा, जब हम कानूनी संशोधन पेश करने के लिए सभी पहलुओं से तैयार होंगे’’. यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुद्दे में महीनों तक देरी हो सकती है, पीएमएल-एन सीनेटर ने बोला कि विधेयक एक या दो हफ्ते के भीतर पेश किए जाने की आसार है.

सीनेटर ने कहा, ‘‘हमारी ख़्वाहिश थी कि यह विधेयक दो दिन के भीतर पारित हो जाए.’’ जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान का समर्थन पाने के कोशिश विफल होने के बाद गवर्नमेंट को संसद में संशोधन विधेयक पेश करने के कदम को टालने पर विवश होना पड़ा. संशोधन पारित करने के लिए गवर्नमेंट को नेशनल असेंबली में 224 और सीनेट में 64 वोट की जरूरत है. नेशनल असेंबली में गठबंधन का संख्याबल 213 और सीनेट में 52 है. नेशनल असेंबली के आठ सदस्यों और पांच सीनेटरों के साथ जेयूआई-एफ प्रमुख किरदार निभाने की स्थिति में है.

 

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