क्या खास है सरकार की Inflation Control रणनीति? आम जनता को महंगाई से राहत या किसानों की आमदनी बढ़ेगी?
नई दिल्ली: अक्सर नीतिगत निर्णय लेते समय दो या दो से ज्यादा हितधारकों के इंटरेस्ट टकराते हैं. ऐसे मे जब महंगाई नियंत्रण (Inflation Control)की रणनीति से संबंधित निर्णय लेते समय अगर किसानो के हित जैसे कि फसल के उचित दाम और आम जनता के हित जैसे किसान की फसल कम दाम मे उप्लब्ध कराने मे ट्रेड ऑफ़ हो तो किसान पक्ष मे निर्णय लेना एक बड़ा फैसला है क्योंकि किसानों की संख्या के मुकाबले आम जनता ज्यादा संख्या मे है. इस बार सरकार के फैसलों मे किसान केंद्र बिंदु के रूप में है. भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत पहल की हैं जो किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से की गई हैं उनमे से प्रमुख है - निर्यात पर लगी पाबंदियों को हटाना, 20% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाना और गेहूं स्टॉक्स की सीमा को कम करना हैं . ये कदम विभिन्न वस्तुओं जैसे चावल, वनस्पति तेल, गेहूं, प्याज, और पीले मटर पर केंद्रित हैं.आइए जानते है क्यों है किसानो पर फोकस और किन फैसलों की वजह से हम यह कह रहे है कि इस बार फोकस किसान कल्याण है. निर्यात पर लगी पाबंदियों को हटानासरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम मूल्य (MEP) की सीमा हटा दी है जिससे किसानों को प्रीमियम ग्रेड चावल की अंतरराष्ट्रीय बिक्री को बढ़ावा मिल सके. पिछले साल सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर $1,200 प्रति मीट्रिक टन का MEP (Minimum Export Price) निर्धारित किया था जिसे बाद में $950 प्रति टन कर दिया गया था. इसके साथ ही प्याज के निर्यात पर $550 प्रति मीट्रिक टन का MEP भी हटा दिया गया है और निर्यात कर को 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है. टैरिफ लगानाभारत जो कि विश्व का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है ने प्रमुख खाद्य तेलों पर 20% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाई है ताकि किसानों को कम तेल बीज कीमतों से बचाया जा सके. पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल, और कच्चे सूरजमुखी तेल पर प्रभावी आयात शुल्क 5.5% से बढ़ाकर 27.5% कर दिया गया है, जो भारत के कृषि अवसंरचना और विकास उपकर और सामाजिक कल्याण शुल्क के अधीन हैं. इसके अलावा परिष्कृत पाम तेल, परिष्कृत सोयाबीन तेल, और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर आयात कर को 13.75% से बढ़ाकर 35.75% कर दिया गया है. भारत अपनी वनस्पति तेल की मांग का 70% से अधिक आयात के माध्यम से पूरा करता है, और पाम तेल कुल आयात का 50% से अधिक है. गेहूं व्यापारियों और प्रोसेसर के लिए नियम सख्त करनाभारत ने गेहूं स्टॉक्स की सीमा को कम कर दिया है, जिसमें व्यापारियों और मिलरों को अब 3,000 टन के बजाय केवल 2,000 टन गेहूं रखने की अनुमति है. इसके साथ ही भारत ने पीले मटर की शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति को अक्टूबर के अंत से बढ़ाकर दिसंबर 2024 तक कर दिया है. महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के पहले किसान वोट साधने की कोशिस विश्लेषकों का कहना है कि ये कदम महाराष्ट्र और हरियाणा के किसानों का समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से उठाए गए हैं. महाराष्ट्र प्याज, चीनी, और सोयाबीन का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है जबकि हरियाणा बासमती चावल का प्रमुख उत्पादक है. हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में किसान के पहले किसान फोकस में हैं. महाराष्ट्र में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. महंगाई 5 वर्षों में सबसे कम लेकिन फ़ूड इंफ्लेशन बन सकती है चिंता का विषय अगस्त 2024 में भारत की खुदरा महंगाई दर 3.65% पर पहुंच गई जो कि पिछले पांच वर्षों में सबसे कम 3.54% से बढ़ी है. खाद्य महंगाई जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का आधा हिस्सा बनाती है, 5.66% तक बढ़ गई है. हालांकि यह दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की लिमिट के भीतर बनी हुई है लेकिन 4% के लक्ष्य से ऊपर है. अब देखना यह होगा कि महंगाई कैसे आगे प्रोग्रेस करती है. क्या खाद्य महंगाई खासकर प्याज की कीमतें सरकार के लिए चिंता का विषय बनेगी यह आने वाले दिनों मे पता चलेगा.