आजकल इनफर्टिलिटी की समस्या युवाओं में बढ़ती जा रही है जिसके पीछे कई सारे कारण जिम्मेदार हैं। प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या दूर करने या उसे बेहतर करने के लिए इन सभी के बारे में जानना ज़रूरी है। डॉ. हीरा मर्दी, सलाहकार - प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ (मणिपाल हॉस्पिटल वर्थुर रोड) यहां प्रजनन क्षमता में बाधा बनने वाली स्थिति और इनफर्टिलिटी को जन्म देने वाली बीमारियों की विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
PCOS हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमें पीरियड अनियमित होने लगते हैं, एंड्रोजन लेवल बढ़ने लगता है और अंडाशय के आसपास छोटी छोटी गांठ बनने लगती हैं।
2. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें टिशू गर्भाशय की परत के समान ही बाहर की तरफ बढ़ने लगता है, इससे दर्द और इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें यह बढ़ती परत फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय को प्रभावित करती है।
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3. गर्भाशय संबंधी असामान्यताएं (Uterine Abnormalities)संरचनात्मक समस्याएं जैसे फाइब्रॉयड्स, पॉलीप्स या सेप्टेट गर्भाशय गर्भधारण में दिक्कत और मिस्केरेज का खतरा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
4. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalances)हार्मोन को प्रभावित करने वाली स्थिति, जैसे कि थायरॉयड विकार या हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया, पीरियड साइकिल और ओव्यूलेशन में बाधा पैदा करते हैं।
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5. उम्र से जुड़े कारक (Age-Related Factors)फर्टिलिटी उम्र बढ़ने के साथ कम होने लगती है, विशेषकर 35 के बाद क्योंकि अंडों की गुणवत्ता और मात्रा घटना शुरू हो जाती है।
6. क्रोनिक स्थिति (Chronic Conditions)डायबिटीज़, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर और कई प्रकार के संक्रमण (STI) फर्टिलिटी पर असर डालते हैं।
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7. वजन से जुड़ी दिक्कतें (Weight Issues)मोटापा और वजन का कम होना दोनों हार्मोन के संतुलन और ओव्यूलेशन को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।
8. जीवनशैली कारक (Lifestyle Factors)स्मोकिंग, ज्यादा शराब या ड्रग का इस्तेमाल और अधिक तनावर्ण प्रजनन स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।
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9. अनुवांशिक कारक (Genetic Factors)महिलाओं और पुरुषों में कई अनुवांशिक कारक भी फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं, जैसे - महिलाओं में टर्नर सिंड्रोम और पुरुषों में क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम।
10. मेल फैक्टर इनफर्टिलिटी (Male Factor Infertility)स्पर्म प्रोडक्शन या मोटिलिटी को प्रभावित करने वाली कंडीशन एज़ोस्पर्मिया या हार्मोनल असंतुलन, गर्भधारण में परेशानी पैदा कर सकती है।
इन समस्याओं से निपटने के लिए एक सही अप्रोच की ज़रूरत है जिसमें चिकित्सक इलाज, जीवनशैली के बदलाव और प्रजनन तकनीक शामिल हैं। अगर आपको फर्टिलिटी से जुड़ी चिंता है तो डॉक्टर से इस बारे में सलाह लेकर उसी मुताबिक इलाज कराएं।