महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहा है प्रदूषण का ज्यादा असर
Krati Kashyap September 20, 2024 05:27 PM

देहरादून : प्रदूषण का बढ़ता खतरा हमारे स्वास्थ्य पर गहराई से असर डाल रहा है, खासकर गर्भवती स्त्रियों और कम उम्र के बच्चों पर हम भले ही तकनीकी उन्नति के शिखर पर पहुंच चुके हों, लेकिन इसका काला साया हमारे पर्यावरण पर साफ नजर आ रहा है गाड़ियों से निकलने वाला जहरीला धुआं, फैक्ट्रियों के नुकसानदायक रसायन और तेजी से हो रहे निर्माण कार्यों ने हमारी सांस लेने वाली हवा को जहर से भर दिया है इन नुकसानदायक तत्वों का असर सिर्फ़ आज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य और विकास पर भी छाया डाल सकता है

इस गंभीर परेशानी के बारे में गहराई से समझने के लिए लोकल 18 ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून निवासी जाने-माने चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ जगदीश रावत से वार्ता की उन्होंने प्रदूषण के खतरे से फेफड़ों को सुरक्षित रखने के कुछ अहम और सरल तरीका बताए हैं आइए जानते हैं, कैसे आप भी अपनी और अपने परिवार की स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं

ये हैं वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण
लोकल 18 से वार्ता करते हुए चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ जगदीश रावत ने बोला कि गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, फैक्ट्रियों की चिमनियों से निकलते नुकसानदायक रसायन और कंस्ट्रक्शन साइट से मूलत: वायु प्रदूषण होता है जब श्वसन नली के जरिए जहरीली हवा फेफड़ों तक पहुंचती है, तो इसका असर केवल गर्भवती स्त्रियों और नवजात शिशुओं पर ही नहीं बल्कि बुजुर्गों और सांस की परेशानी से पीड़ित लोगों भी पड़ता है यदि किसी को कोई भी परेशानी न हो, फिर भी उसमें एलर्जी के लक्षण जरूर दिखेंगे

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क
डॉ रावत ने बोला कि स्वस्थ आदमी भी वायु प्रदूषण का शिकार हो जाता है आंखों में जलन, त्वचा संबंधी बीमारी, नजला जुकाम, सांस की नली में सूजन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं ये सब परेशानियां वायु प्रदूषण बढ़ने से होती हैं दूषित हवा हम मुंह या नाक के जरिए लेते हैं, जो हमारे फेफड़ों तक पहुंचती है आरंभ में एलर्जी की परेशानी हमारे नाक या मुंह से होती है, जैसे- नाक बहना, छींकें आना, गले में खराश, बुखार आना, खांसी, अस्थमा रोग से जूझ रहे आदमी को रात के समय सीटी जैसी आवाज सुनाई देना प्रमुख लक्षण हैं

इन तरीकों से कम हो सकता है असर
उन्होंने आगे बोला कि यदि किसी को पहले से कोई रोग जैसे- अस्थमा, डर्मेटाइटिस, एलर्जी गर्नेटिस है, तो उन्हें वायु प्रदूषण बढ़ने के दौरान इलाज करवाना ही होगा घर से बाहर निकलते समय या भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से पहले मास्क जरूर पहनें विटामिन सी से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है विटामिन सी से भरपूर फल और अन्य खाद्य सामग्रियों का सेवन कर सकते हैं

क्या है वायु प्रदूषण?
डॉ रावत ने कहा कि वायु प्रदूषण तब होता है, जब हवा में नुकसानदायक पदार्थ मिल जाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट आती है और यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक असर डालती है वाहनों के इंजन से निकलने वाले धुएं में नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैट्रस होते हैं, जो हवा को प्रदूषित करते हैं फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलने वाले धुएं और रसायन जैसे कि सल्फर डाइऑक्साइड, नुकसानदायक गैसों और धूल के कण हवा को प्रदूषित करते हैं

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