HDB Financial Services: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी (HDFC Bank) की तरफ से एक और आईपीओ मार्केट में आने वाला है. एचडीएफसी बैंक की नॉन बैंकिंग सब्सिडियरी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) के बोर्ड ने कंपनी को 2,500 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की मंजूरी दे दी है. यह आईपीओ इसी साल दिसंबर या वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही तक मार्केट में आ सकता है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के इस आईपीओ में 2500 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर जारी करने के साथ ही मौजूदा निवेशकों को ऑफर फॉर सेल के जरिए अपनी हिस्सेदारी कम करने का मौका भी मिलेगा. इस आईपीओ को लेकर कई महीनों से अटकलें लगाई जा रही थीं. इस कंपनी में एचडीएफसी बैंक की 94.64 फीसदी हिस्सेदारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज फिलहाल इस आईपीओ के लिए बैंकरों को नियुक्त करने में जुटी हुई है. फिलहाल मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley), बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) और नोमुरा (Nomura) जैसे विदेश बैंक और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities), एक्सिस कैपिटल (Axis Capital) और आईआईएफएल (IIFL) जैसी कंपनियां इस दौड़ में आगे चल रही हैं.
एचडीबी फाइनेंस के लिए एचडीएफसी बैंक को 78 हजार करोड़ रुपये से 87 हजार करोड़ रुपये की वैल्यूएशन मिलने की उम्मीद है. यह अनुमानित प्राइस टू बुक वैल्यू से करीब 5 गुना है. बैंक इस आईपीओ के जरिए अपनी करीब 10 से 15 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकता है. उसे उम्मीद है कि इससे 7,800 से 8,700 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. इससे कंपनी के पास पर्याप्त पूंजी हो जाएगी.
एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को लिस्टेड करने का निर्णय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अक्टूबर, 2022 में दिए गए आदेश की वजह से लिया गया है. इसके तहत आरबीआई ने सभी अपर लेयर एनबीफसी (Upper Layer NBFC) को 3 साल के अंदर लिस्ट करने का आदेश सुनाया था. आईपीओ की मंजूरी बजाज हाउसिंग फाइनेंस (Bajaj Housing Finance) की बंपर लिस्टिंग के तुरंत बाद आई है. इस लिस्टिंग से कंपनी का मार्केट कैप 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है.
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