RBI Bulletin Update: आरबीआई के मुताबिक महंगाई दर में कमी और ग्रामीण इलाकों में डिमांड में बढ़ोतरी के चलते वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में घरेलू खपत के बढ़ने की उम्मीद है. सितंबर महीने के लिए जारी बुलेटिन में आरबीआई ने कहा कि लगातार दो महीने जुलाई और अगस्त में महंगाई दर उसके टोलरेंस बैंड के नीचे रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बुलेटिन में वित्त वर्ष 2025-26 में 4.1 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान जताया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने सितंबर 2024 के लिए जारी किए गए अपने बुलेटिन में कहा, सब्जियों की कीमतों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो चुका है और अगर ये आगे भी जारी रहा तो वित्त वर्ष 2025-25 की पहली तिमाही में खाद्य महंगाई की जो चिंता बनी हुई थी उससे राहत मिल सकती है. हालांकि सितंबर महीने में महंगाई दर में बेस इफेक्ट के चलते महंगाई दर ज्यादा रहने का अनुमान है. लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही है. मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है जो कि अगस्त 2024 में आरबीआई की एमपीसी बैठक में पारित रिजॉल्युशन के मुताबिक है. हालांकि आरबीआई बुलेटिन के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उठापटक का जोखिम बना हुआ है.
आरबीआई के बुलेटिन के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 4.1 फीसदी रह सकती है जो कि मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में 4.5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान है. आरबीआई ने अपने बुलेटिन में बताया कि सीपीआई इंफ्लेशन (CPI Inflation) जुलाई के बाद लगातार दूसरे महीने अगस्त में भी उसके लक्ष्य से नीचे रहा है जो कि एक सकारात्मक डेवलपमेंट है. अगस्त 2024 में खुदरा महंगाई दर 3.65 फीसदी रही है. आरबीआई के मुताबिक इससे निजी खपत में तेजी आएगी और ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ेगा जिससे निजी निवेश में बढ़ोतरी आएगी और इससे इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी आएगी. आरबीआई ने अपने बुलेटिन में वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया है.