क्यों होती है हर्पंगिना (मुंह में छाले) की समस्या? जानें बच्चों में इसके लक्षण, कारण और इलाज
GH News September 21, 2024 10:08 PM

हर्पंगिना एक वायरल संक्रमण है, जिसके कारण मुंह में छोटे-छोटे छाले या अल्सर हो जाते हैं. ये छाले आमतौर पर गले के पिछले हिस्से या मुंह के ऊपरी हिस्से पर होते हैं. यह संक्रमण बहुत संक्रामक होता है और आमतौर पर बच्चों में देखा जाता है.

Herpangina Symptoms: बच्चों में हर्पंगिना एक आम समस्या है जो मुंह में छोटे-छोटे छालों के रूप में दिखाई देती है. ये छाले बच्चों को काफी असहज महसूस करा सकते हैं और खाने-पीने में परेशानी पैदा कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि हर्पंगिना क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है.

हर्पंगिना क्या है?

हर्पंगिना एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है. यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक बच्चे से दूसरे बच्चे में आसानी से फैल सकती है. यह संक्रमण मुख्य रूप से कोक्सैकीवायरस के कारण होता है.

हर्पंगिना के लक्षण

  • मुंह में छाले: ये छाले आमतौर पर गले के पीछे, जीभ पर और गालों के अंदरूनी हिस्से पर दिखाई देते हैं. ये छाले लाल, दर्दनाक और छोटे होते हैं.
  • बुखार: हर्पंगिना के साथ हल्का बुखार भी हो सकता है.
  • गले में खराश: बच्चों को गले में खराश और निगलने में परेशानी हो सकती है.
  • कम भूख: छालों के कारण बच्चों को खाने-पीने में कम रुचि हो सकती है.
  • बेचैनी: छालों के कारण बच्चे चिड़चिड़े और बेचैन हो सकते हैं.

हर्पंगिना के कारण

हर्पंगिना का मुख्य कारण कोक्सैकीवायरस है. यह वायरस एक बच्चे से दूसरे बच्चे में आसानी से फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से वायरस हवा में फैल सकता है. इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल किए हुए खिलौने, कप या बर्तन को छूने से भी यह वायरस फैल सकता है.

हर्पंगिना का इलाज

  • बच्चों को दर्द और बुखार से राहत देने के लिए पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दवाएं दी जा सकती हैं.
  • ठंडे पेय और भोजन से गले में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है.
  • बच्चों को नरम और ठंडा भोजन खिलाएं, जैसे दही, आइसक्रीम और सूप.
  • बच्चों के मुंह को नियमित रूप से साफ पानी से धोएं.
  • बच्चों को पर्याप्त आराम दें.

हर्पंगिना की रोकथाम

  • बच्चों को खाने से पहले, शौचालय जाने के बाद और बाहर से घर आने पर हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए.
  • अगर कोई बच्चा हर्पंगिना से पीड़ित है, तो उसे अन्य बच्चों से दूर रखें.
  • संक्रमित बच्चे के इस्तेमाल किए हुए खिलौने और बर्तनों को अच्छी तरह धोएं.
  • संक्रमित व्यक्ति को खांसी या छींकते समय मुंह और नाक को रुमाल या टिश्यू से ढकना चाहिए.

नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी को प्रदान करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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