40 साल पहले भी विवादों में घिरा था तिरुपति मंदिर का प्रसाद, एक रिटायर्ड अफसर ने किया था सनसनीखेज दावा
Times Now Navbharat September 22, 2024 03:42 AM

तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर ताजा विवाद के कारण पूरे देश में हिंदू समाज में गुस्सा का भाव है। प्रसाद के लड्डू में चर्बी वाले घी के इस्तेमाल की ट्रस्ट भी पुष्टि कर चुकी है, कार्रवाई हो रही है। तिरुपति के मंदिर के प्रसाद को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है और कार्रवाई भी हो चुकी है। मामला विधानसभा तक पहुंचा था।
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रिटायर्ड अफसर ने तिरुपति के प्रसाद पर उठाए थे सवाल
करीब 40 साल पहले भी ऐसे ही सवाल उठे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर के प्रसाद की क्वालिटी को लेकर पहली बार सवाल 80 के दशक में उठे थे। एक रिटायर्ड अफसर ने दावा किया था कि उन्होंने तिरुपति मंदिर से जो लड्डू लिए थे, उस प्रसाद में फफूंदी और कील निकली थी। अधिकारी के इन आरोपों के बाद मामले ने तूल पकड़ा और विवाद आंध्र प्रदेश विधानसभा तक पहुंच गया।
जांच के बाद हुई थी कार्रवाई
प्रसाद की क्वालिटी गिरने को लेकर सवाल उठाए गए और फिर इसकी जांच भी की गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संबंध में 1985 में एक रिपोर्ट भी सामने आई। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एनटी रामाराव ने एक्शन लिया और कई कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया। साथ ही प्रसाद को बनाने में वैज्ञानिक तरीके के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई थी।
300 साल पुराना है प्रसाद का इतिहास
तिरुपति का इतिहास भी सदियों पुराना है, लेकिन इसे लेकर भी इतिहासकारों में काफी मतभेद देखने को मिलता है। कहा जाता है कि चोल, होयसल और विजयनगर के राजाओं ने इस मंदिर के निर्माण में खास योगदान दिया था। इस मंदिर के प्रसाद का इतिहास भी 300 साल पुराना बताया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर में प्रसाद बनाने की प्रथा साल 1715 के आसपास शुरू हुई थी, जिन्हें साल 2014 में जाई टैग भी दिया गया।
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