Chanakya Niti: सुख हो या दुख, मानव अपनी भावनाओं को व्यक्त कर ही देता है. लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भावनाओं में बहकर यदि कोई आदमी अपना राज इन 5 लोगों को बता देता है तो उसका जीवन नरक के समान हो जाता है. चलिए जानते हैं वे कौन से 5 लोग हैं जिन्हें अपने मन की बात बताने से आचार्य चाणक्य इंकार करते हैं.
1. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो आदमी आपकी बातों को हर समय मजाक में ले या आपकी बातों का मजाक उड़ाए, ऐसे लोगों को किसी भी हालात में अपने मन की बात नहीं बतानी चाहिए. चाणक्य का मानना है कि यदि कोई आदमी ऐसे लोगों को अपने मन की बात बता देता है तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मजाक उड़ाने वाले लोगों से यदि आप अपनी मन की बात बता देते हैं तो वह किसी के साथ भी आपकी बातों को शेयर कर सकता है और लोगों के बीच आपका मजाक भी उड़ा सकता है.
2. जो आदमी बातों को बढ़ा-चढ़ाकर या तोड़-मड़ोड़कर बोलता हो ऐसे लोगों से मन की बात नहीं बतानी चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग विश्वास के योग्य नहीं होते हैं. चाणक्य के अनुसार यदि ऐसे लोगों को आप अपनी मन की बात बताते हैं तो आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
3. चाणक्य अपने नीतिशास्त्र में लिखते हैं, जो लोग बुरी संगत में रहते हैं ऐसे लोगों को भी अपनी मन की बात नहीं बतानी चाहिए. यदि आपके पास धन अधिक है और आपने ऐसे लोगों को बता दिया तो वह आपकी मौत का कारण भी बन सकता है. गलत संगत में रहने वाला आदमी आपके राज को जानने के बाद, आपको आर्थिक रूप से भी कमजोर कर सकता है.
4. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो आपके मुंह पर आपकी बड़ाई करता हो और पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं, ऐसे लोगों को भी मन की बात भूलकर भी नहीं बतानी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ऐसे लोग किसी के सगे नहीं होते. यदि ऐसे लोगों को आपका राज बताने के लिए कोई प्रलोभन दिया जाता है तो वे बिना किसी देरी के आपके राज शत्रुओं को बता देते हैं. इतना ही नहीं ऐसे लोग मुसीबत में कभी भी आपका साथ नहीं देंगे. ऐसे लोगों से हेमशा विश्वासघात ही मिलता है.
5. आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो लोग हमेशा अपना स्वार्थ देखते हैं, उन्हें भी अपने मन की बात नहीं बतानी चाहिए. ऐसे लोग आपकी भावनाओं का हमेशा लाभ ही उठाते हैं.