बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को एक बार फिर से राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस पार्टी को आरक्षण विरोधी करार दिया और उस पर दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए दोगली और भ्रामक आरक्षण नीति रखने का इल्जाम लगाया. मायावती ने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण नीति साफ नहीं बल्कि दोगली एवं छलकपट की है. अपने राष्ट्र में इनके वोट के लिए ये आरक्षण का समर्थन और इसे 50% से ऊपर बढ़ाने की वकालत तथा विदेश में जाकर इनके आरक्षण को समाप्त करने की बात करते हैं. इनके इस दोहरे मापदण्ड से लोग सचेत रहें.
मायावती ने आगे लिखा कि यह भी सच है कि केन्द्र में इनकी गवर्नमेंट ने ओबीसी आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन रिपोर्ट लागू नहीं की थी. साथ ही, बसपा के संघर्ष से एससी/एसटी के पदोन्नति में आरक्षण को कारगर बनाने के लिए संसद में लाए गए संविधान संशोधन बिल को भी कांग्रेस पार्टी ने पास नहीं होने दिया, जो अभी तक लम्बित है. तथा ना ही इस मुद्दे में इनकी गवर्नमेंट ने न्यायालय में ठीक से पैरवी की. उन्होंने बोला कि इस आरक्षण विरोधी कांग्रेस पार्टी और अन्य पार्टियों से भी ये लोग सजग रहें. साथ ही, केन्द्र में रही कांग्रेसी गवर्नमेंट द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?
इससे पहले मायावती ने कांग्रेस पार्टी समेत अन्य दलों पर दलित नेताओं का केवल संकट के दिनों में इस्तेमाल करने का इल्जाम लगाया और राय दी कि इन नेताओं को बाबा साहब से प्रेरणा लेकर स्वयं ही ऐसे दलों से अलग हो जाना चाहिए. यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘देश में अभी तक के हुए सियासी घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस पार्टी और अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए दलितों को सीएम और संगठन आदि के प्रमुख पदों पर रखने की जरूर याद आती है.”