क्या सच में लिवर की बीमारी से याददाश्त होती है कमजोर? डॉक्टर से जानें
GH News September 28, 2024 11:08 AM

कई बार सुनने में आता है कि लिवर की बीमारी के चलते हमारी याददाश्त कमजोर हो सकती है, इस बात में कितनी सच्चाई है आइए डॉक्टर से जानते हैं.

हमारा लिवर न सिर्फ शरीर को साफ रखने का काम करता है, बल्कि यह कई अन्य जरूरी काम करता है. अगर लिवर में कोई समस्या आती है, तो इसका असर शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ सकता है, खासकर हमारे ब्रेन पर. लिवर की बीमारी का एक असर यह भी हो सकता है कि हमारी याददाश्त कमजोर हो जाए. आइए इस बारे में डॉक्टर विशाल खुराना (डॉयरेक्टर –गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉक्टर 81 क्लिनिक–सेक्टर 81 फरीदाबाद) से जानते हैं.

लिवर की बीमारी और मस्तिष्क का संबंध-

डॉक्टर विशाल खुराना ने बताया कि लिवर का काम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालना है. जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर में ये टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं. खासकर, जब लिवर की बीमारी ज्यादा गंभीर हो जाती है, जैसे कि लिवर सिरोसिस, तो ये टॉक्सिन्स ब्रेन ष्क तक पहुंच सकते हैं. इस स्थिति को हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी (Hepatic Encephalopathy) कहा जाता है. इसमें ब्रेन पर बुरा असर पड़ता है, जिससे याददाश्त कमजोर हो सकती है और सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है.

कैसे पड़ता है असर?

  • ध्यान की कमी:

जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो व्यक्ति को चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल हो सकती है. किसी काम में मन लगाना या छोटी-छोटी चीजें याद रखना कठिन हो जाता है.

  • याददाश्त कमजोर होना:

लिवर की बीमारी के कारण मस्तिष्क तक टॉक्सिन्स पहुंचते हैं, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं. इसका सीधा असर हमारी याददाश्त पर पड़ता है और व्यक्ति छोटी-छोटी बातें भूलने लगता है.

  • समझने की क्षमता पर असर:

लिवर की बीमारी से मस्तिष्क में भ्रम की स्थिति भी पैदा हो सकती है. व्यक्ति को सोचने-समझने में कठिनाई होती है और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है.

  • नींद की समस्या:

लिवर की बीमारी से मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ने के कारण व्यक्ति को नींद न आने या नींद में खलल जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो मस्तिष्क को और अधिक थका देती हैं और याददाश्त पर असर डालती हैं.

कैसे बचाव करें-

  • 1. समय पर इलाज: अगर लिवर की बीमारी का शुरुआती दौर में पता लग जाए, तो उसे नियंत्रित करना आसान होता है. नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाते रहें.
  • 2. स्वस्थ जीवनशैली: शराब का सेवन न करें, संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें ताकि लिवर स्वस्थ रहें.
  • 3. टॉक्सिन्स से बचें: शरीर में टॉक्सिन्स न बढ़ने दें. ज्यादा तेल-घी और फास्ट फूड से परहेज करें.
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