अब लैब में बनेगी इंसानों की स्किन, बुढ़ापे में भी जवान दिखेंगे लोग
एबीपी लाइव October 22, 2024 03:42 PM

रिसर्चर ने पता लगाया है कि शरीर स्टेम सेल्स से त्वचा कैसे बनाता है और प्रयोगशाला में त्वचा की थोड़ी मात्रा का पुनरुत्पादन किया है. इस शोध से प्रत्यारोपण के लिए कृत्रिम त्वचा मिल सकती है और निशान पड़ने से बचा जा सकता है.शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक बनाई है कि  जो त्वचा कोशिकाओं पर बायोलॉजिकल पीरियडस को 30 साल पीछे कर सकती है. यह तकनीक की चीजों का इस्तेमाल कर रही है.चार प्रोटीन जो कोशिकाओं को स्टेम कोशिकाओं में बदल सकते हैं. आंशिक रूप से पुन क्रमादेशित कोशिकाएं युवा कोशिकाओं की तरह व्यवहार करती हैं और अधिक कोलेजन बनाती हैं.

बुढ़ापे में शरीर को पुन क्रमादेशित करता है. लैब में हुए रिसर्च के मुताबिक बूढ़े शरीर को वापस युवा बनाने के लिए कई तरह की तकनीक का अनुसरण कर रही हैं. पुन क्रमादेश प्रक्रिया एपिजीनोम को रीसेट कर सकती है. कोशिकाओं की पहचान मिटा सकती है और कोशिकाओं को भ्रूण स्टेम कोशिकाओं में बदल सकती है.

जवां दिखने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

स्किनकेयर रूटीन का उपयोग करना

सनस्क्रीन लगाना और धूप में कम निकलना

 अब 40 पर्सेंट तक कम हो जाएगा सर्वाइकल कैंसर से मौत का खतरा, 10 साल की टेस्टिंग के बाद तैयार हुआ खास ट्रीटमेंट

अपने आहार में सुधार करना

धूम्रपान छोड़ना

तनाव कम करना

 देश के लगभग 88% लोग हैं एंग्जायटी के शिकार, अगर आप भी हैं उनमें से एक तो करें ये काम

अपनी नींद की क्वालिटी में सुधार करना

शोधकर्ताओं ने एक वैज्ञानिक खोज की है जिसका उपयोग समय के साथ बुढ़ापे के लक्षणों को धीमा करने के लिए किया जा सकता है. एक टीम ने पता लगाया है कि मानव शरीर स्टेम सेल से त्वचा कैसे बनाता है. और यहां तक ​​कि प्रयोगशाला में थोड़ी मात्रा में त्वचा का पुनरुत्पादन भी किया है.

शोधकर्ताओं ने एक वैज्ञानिक खोज की है जिसका उपयोग समय के साथ बुढ़ापे के लक्षणों को धीमा करने के लिए किया जा सकता है. एक टीम ने पता लगाया है कि मानव शरीर स्टेम सेल से त्वचा कैसे बनाता है, और यहां तक ​​कि प्रयोगशाला में त्वचा की थोड़ी मात्रा का पुनरुत्पादन भी किया है. यह शोध एक अध्ययन का हिस्सा है जो यह समझने के लिए है कि मानव शरीर का हर हिस्सा एक समय में एक कोशिका से कैसे बनता है.

बुढ़ापे से लड़ने के साथ-साथ, इस खोज का उपयोग प्रत्यारोपण के लिए कृत्रिम त्वचा बनाने और निशान को रोकने के लिए भी किया जा सकता है.ह्यूमन सेल एटलस परियोजना जीवविज्ञान में सबसे महत्वाकांक्षी शोध कार्यक्रमों में से एक है. यह अंतरराष्ट्रीय है लेकिन कैम्ब्रिज में वेलकम सेंगर इंस्टीट्यूट में केंद्रित है.प्रोफेसर मुज्लिफा हनीफा ने कहा कि यह वैज्ञानिकों को बीमारियों का अधिक प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद करेगा, लेकिन हमें लंबे समय तक स्वस्थ रखने के नए तरीके भी खोजेगा, और शायद हमें जवां भी बनाए रखेगा.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

 क्या आपकी आंखों में धूल झोंक रहे हैं एंटी ग्लेयर लेंस? जान लीजिए ये कितने कारगर

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.