पुलिस वालों के भी पसीने छुड़ा देता है यह भूतिया पुलिस स्टेशन
Krati Kashyap October 22, 2024 08:27 PM

सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में एक पुलिस चौकी वीरान बनी है लोगों का मानना है कि इस चौकी में भूतों का साया है चौकी पर ताला लटकता रहता है और कोतवाली से मुद्दे का निपटारा होता है सालों पहले तैनात चौकी इंचार्ज का नाम अंकित है उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद स्थित सदर कोतवाली की नयी बाजार चौकी को लेकर वर्षों पहले उड़ी अफवाह से पुलिस अब भी नहीं उबर सकी ऐसे में नयी बाजार चौकी का संचालन कागजों में ही हो रहा है वजह यह है कि भूत-प्रेत को लेकर चौकी पर कोई पुलिसकर्मी रहना नहीं चाहता इस कारण यहां ताला लटकता रहता है

लोगों को दूर जाना पड़ता है
इस कारण लोगों को 12 से 15 किलोमीटर दूर रावटसगंज कोतवाली आना पड़ता है जिले का सबसे बड़ा क्षेत्र सदर कोतवाली का है, जिसके भीतर कल 8 पुलिस चौकियाँ अंकित हैं करीब 7 वर्ष पहले नयी बाजार क्षेत्र में बढ़ते क्राइम और एक हत्याकांड के बाद बाजार से एक किलोमीटर पहले किराए के भवन में पुलिस चौकी की स्थापना हुई थी तब लोगों को आशा थी कि अब उनके क्षेत्र में क्राइम की घटनाओं में कमी आएगी हालांकि, तमाम प्रयासों के बाद भी चौकी का नियमित संचालन नहीं हो पा रहा इसके पीछे एक अफवाह का कारण है क्षेत्रीय लोगों की मानें तो एक बार भूत-प्रेत को लेकर उड़ी अफवाह के बाद यहां कोई पुलिसकर्मी रहने को तैयार नहीं है

चौकी प्रभारी की कमी
कुछ वर्षों में इस चौकी पर 8 से 10 चौकी प्रभारी की तैनाती हो चुकी है हालांकि, किसी ने यहां रहने और भवन में चौकी के संचालन में दिलचस्पी नहीं दिखाई इसी कारण यहां दिन में ताला लटकता रहता है और रात में अंधेरा छा जाता है कुछ चौकी प्रभारी ने चौकी संचालित करने का कोशिश किया, मगर वे सफल नहीं हो सके ऐसा भी नहीं है कि पुलिस चौकी महज दिखावा भर है यहां विभाग की ओर से वाहन भी मौजूद कराया गया है ताकि गश्त करने के साथ ही क्षेत्र की नज़र हो सके इसके साथ ही एक एसआई के साथ यहां 5 से 6 पुलिसकर्मी भी तैनात हैं चौकी में पुलिसवालों के न ठहरने के कारण यदि क्षेत्र में कोई घटना होती है, तो मौके पर पहुंचने में भी काफी समय लगता है

एसआई का नाम आज भी अंकित
चौकी में कई वर्ष पहले तैनात एसआई एसपी श्रीवास्तव का नाम आज भी अंकित है पुलिस चौकी में कोई नहीं रहता, और यहां भवन के सामने उगी बड़ी-बड़ी घास इसकी गवाही दे रही है यहां दिन में तो किसी तरह से पुलिसकर्मी बाजार में किसी दुकान पर या फिर पेड़ की छांव में समय गुजार लेते हैं, लेकिन रात में परेशानी हो जाती है इस क्षेत्र के लोगों को किसी भी तरह की परेशानी को लेकर कम्पलेन के लिए अधिकतर समय 12 से 15 किलोमीटर दूर राबर्ट्सगंज कोतवाली आना ही विकल्प बचता है नयी बाजार में किराए के मकान में बनी चौकी में अफवाह के बाद जब यहां पुलिसवालों ने रहना बंद किया, तो साल 2022 में नए जगह पर चौकी के लिए जमीन की तलाश हुई इसके निर्माण के लिए प्रस्ताव उच्च ऑफिसरों को भेजे गए, हालांकि अब तक इस पर कोई अमल नहीं हो सका है

चौकी में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
पुलिस चौकी नयी बाजार में जिस भवन में उपस्थित है, उसके स्वामी वहां नहीं रहते चौकी में न तो पानी और न ही बिजली की कोई प्रबंध है इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार राजेश गोस्वामी ने लोकल 18 से खास वार्ता में कहा कि लोगों के लिए यह कौतूहल का विषय बना हुआ है कि जहां एक ओर भूत-प्रेत की बात को बुद्धिजीवी वर्ग निराधार बताता है, वहीं पुलिस जैसा विभाग भी इस बात से भयभीत है यह अपने आप में चर्चा का विषय है उनका बोलना है कि विभागीय प्रक्रिया को पूरा करके या तो यहां पर यथाशीघ्र नयी चौकी भवन का निर्माण कराया जाए या कोई बेहतर विकल्प निकाला जाए, जिससे आम जनता को इसका फायदा मिल सके इससे उन्हें कम्पलेन दर्ज करने के लिए सामान्य तौर पर कोतवाली तक नहीं जाना पड़े कोतवाली में भीड़ रहती है, यदि यह चौकी यहां पर ठीक ढंग से चालू की जाए, तो लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी

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