कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, इसके कई प्रकार होते हैं. इन्हीं में से एक है ब्रेस्ट कैंसर. हालांकि इसका जल्दी पता लगाने पर इससे बचा जा सकता है. जल्दी पता लगाने से महिलाओं को स्तन कैंसर का इलाज कराने में मदद मिल सकती है. ब्रेस्ट कैंसर होने पर हमारा शरीर कुछ संकेत देने लगता है, इसके साथ ही आप खुद भी (self-examination) कैंसर का पता लगा सकते हैं.
सेल्फ एक्जामिनेशन उन महिलाओं के लिए और भी जरूरी है जिनके जोखिम कारकों में उम्र, पारिवारिक इतिहास, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, जीवनशैली विकल्प आदि शामिल हैं जो स्तन कैंसर की संभावना को बढ़ा सकते हैं. ऐसे में इन चीजों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है. सेल्फ एक्जामिनेशन ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने का एक बहुत ही सरल तरीका है. सेल्फ एक्जामिनेशन से महिलाओं को किसी भी बदलाव या असामान्यता को तुरंत पहचानने में मदद मिल सकती है. शुरुआत में स्तन कैंसर एसिम्प्टोमैटिक यानी लक्षण के बिना हो सकते हैं, ऐसे में सेल्फ एक्जामिनेशन करके आप इसका पता लगा सकते हैं.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण स्तन कैंसर के प्रकार पर भी निर्भर करते हैं. हालांकि इस कैंसर का सबसे आम लक्षण गांठ है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि हर गांठ का मतलब कैंसर नहीं होता. यहां स्तन कैंसर के कुछ लक्षण दिए गए हैं:-
इनमें से कोई भी बदलाव दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास भागें, इसके लिए ऐसे अस्पताल का चयन करना बेहतर होगा जहां डॉक्टर चौबीसों घंटे उपलब्ध हों, जिससे शीघ्र ही उपचार किया जा सके, ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पता लगने से इससे कई जानें बचाई जा सकती हैं.