गाजियाबाद : गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उप चुनाव में गाजियाबाद की जनता किसका साथ देगी, ये प्रश्न इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में है। गाजियाबाद महज कहने को ही मेट्रो सिटी है, लेकिन यहां की जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है। इन चुनावों को लेकर क्षेत्र के लोगों की तमाम राय है। इस उप चुनाव में जातीय समीकरण काफी हद तक इंपेक्ट डाल सकता है। इस बार के चुनावों को लेकर जनता की राय क्या है, इसको लेकर जब न्यूज़ 18 की टीम ने जब लोगों से बात की तो सबकी अपनी-अपनी राय थी।। आइये जानते हैं…
बात करने पर लोगों ने बोला कि ‘कुछ एक क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां अभी तक कुछ उच्च स्तरीय शिक्षा नहीं पहुंची है तो वहीं सड़कों की भी हालत खस्ताहाल है’। भिन्न-भिन्न लोगों का गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट को लेकर भिन्न-भिन्न बोलना था। जहां एक ओर लोग बीजेपी की जीत मानकर चल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों का बोलना है कि इस बार जनता परिवर्तन चाहती है। क्षेत्र में लंबे अरसे से पत्रकारिता कर रहे लोगों का बोलना है कि इस बार जातीय समीकरण भी काफी हद तक काम करने वाला है।
शहर सीट को दो हिस्सों में देखा जाता है। मसलन शहर और लाइन पार क्षेत्र। लाइन पार क्षेत्र में जनसंख्या तकरीबन 8 लाख है, जबकि तकरीबन साढ़े 4 लाख वोटर हैं शहर सीट में। ऐसे में काफी लंबे अरसे से लाइन पार क्षेत्र से उम्मीदवार बनाने की आवाज भी उठ रही थी, जिसके चलते ही गठबंधन से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सिंह राज जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया गया है, जिसको लेकर इस बार जातीय समीकरण के भी लगाए जा रहे हैं।
एक नजर पिछले चुनाव पर डाली जाए…
इस सीट पर बीजेपी के अतुल गर्ग 2022 में 1 लाख 5537 वोटों से विजयी हुए थे, मगर लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अपना प्रत्याशी अतुल गर्ग को बना दिया और वो जीते भी। ऐसे में विधानसभा शहर सीट अभी खाली है। 2022 के चुनाव में दूसरे जगह पर समाजवादी पार्टी के विशाल वर्मा तकरीबन 44 हजार वोट पाकर रहे थे। बीएसपी के कृष्ण कुमार को तकरीबन 33 हजार वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस पार्टी के शुशांत गोयल तकरीबन 11 हजार वोट पाकर चौथे जगह पर रहे थे।
इस बार गठबंधन के अनुसार ये सीट समाजवादी पार्टी के पाले में आई है।। ऐसे में 2022 के नतीजों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के लिए ये सीट निकालना टेढ़ी खीर साबित होगा। वैसे भी शहर विधानसभा सीट को बीजेपी की मजबूत सीट माना जाता है। जहां एक ओर बीजेपी ने अपना उम्मीदवार संजीव शर्मा को बनाया है, वहीं गठबंधन से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सिंह राज जाटव, बीएसपी से पीएन गर्ग, वहीं इस बार AIMIM ने रवि गौतम को अपना प्रत्याशी बनाया है।
अगर शहर विधानसभा की जातीय समीकरण की बात करे तो वो इस प्रकार है…
गाजियाबाद जिले की गाजियाबाद विधानसभा सीट पर लगभग 4 लाख 20 हजार मतदाता हैं, जिनमें भिन्न-भिन्न जातियों का अगुवाई है। सभी सियासी दलों के लिए यह सीट काफी जरूरी है और चुनाव रिज़ल्ट जातिगत समीकरणों पर काफी हद तक निर्भर करते हैं। यहां के जातीय समीकरण इस प्रकार हैं:
दलित: 80 हजार
ब्राह्मण: 55 हजार
ओबीसी: 45 हजार
वैश्य: 35 हजार
मुस्लिम: 35 हजार
ठाकुर (क्षत्रिय): 25 हजार
पंजाबी: 14 हजार
यादव: 12 हजार
जाट: 10 हजार
सुनार: 8 हजार
गुर्जर: 7 हजार
कायस्थ: 7 हजार
त्यागी: 5 हजार
इसाई: 2 हजार