Diwali 2024: हिंदू धर्म में उल्लू से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। हालात के मुताबिक उल्लू का दिखना शुभ और अशुभ दोनों हो सकता है। इन मान्यताओं में कोई एकरूपता नहीं है क्योंकि यह पूरी तरह से क्षेत्रीय और सामुदायिक मान्यताओं पर आधारित है। ऐसी मान्यताएं कभी भी शास्त्रों पर आधारित नहीं होती हैं।
उल्लू देवी लक्ष्मी का वाहन है। वैसे तो लोगों का मानना है कि यदि उल्लू दिख जाए तो इसे शुभ माना जाता है या उल्लू की आवाज भी शुभ होती है, लेकिन शायद ही लोग जानते हों कि उल्लू का दिखना और उसकी आवाज कब और कैसे शुभ मानी जा सकती है। साथ ही उल्लू के साथ छछूंदर का दिखना भी बहुत शुभ होता है। आइए जानते हैं कि उल्लू का दिखना कब और किस दिशा में होना शगुन माना जाता है।
उल्लू को एक छोटा और शांत पक्षी माना जाता है। दुनिया में पाए जाने वाले उल्लुओं की प्रजातियों में सबसे छोटा उल्लू लगभग 5 से 6 इंच का होता है। इसके साथ ही सबसे बड़े उल्लू की लंबाई लगभग 32 इंच होती है। आम तौर पर उल्लू के पंजे बहुत जहरीले और ताकतवर होते हैं। यह एक मांसाहारी प्राणी है जो अपने पंजों का इस्तेमाल करके शिकार करता है। इसकी आंखें बहुत बड़ी होती हैं। उल्लू एक ऐसा प्राणी है जो अपना सिर 270 डिग्री तक घुमा सकता है। खास बात है कि उल्लू 23-30 वर्ष जीवित रहता है।
उल्लू को रात में जागने और दिन में सोने की आदत होती है। हिंदुस्तान में उल्लू की सिर्फ़ 2 प्रजातियां पाई जाती हैं। उल्लू एकमात्र ऐसा पक्षी है जो रात में भी दूर से चीज़ों को साफ़ देख सकता है। इनकी आंखों की पुतलियां बहुत पतली होती हैं, जिसकी वजह से इन्हें दिन के उजाले में देखने में कठिनाई होती है। यह एक सामान्य कारण है जो बताता है कि उल्लू दिन में क्यों सोते हैं।
आपको बता दें कि जिस तरह देवी लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है, उसी तरह भगवान कुबेर का भी धन से संबंध माना जाता है और उन्हें देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है। हिंदू धर्म में छछूंदर को कुबेर देव का प्रतीक माना जाता है। ऐसा बोला जाता है कि यदि आपको दीपावली के दिन छछूंदर दिख जाए तो समझिए आपको भगवान कुबेर की कृपा मिलने वाली है।